Jamshedpur news:भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी के पहल पर माली देश में भारतीय एंबेसी आया हरकत में, बताया झारखंड के मजदूर सुरक्षित, नियोक्ता से समाधान निकालने की हो रही कोशिश

173
AD POST

 

AD POST

जमशेदपुर। भाजपा झारखंड प्रदेश के प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के त्वरित पहल से अफ्रीकी देश माली में फंसे गिरिडीह और हज़ारीबाग जिले के 33 मजदूर के वतन वापसी का रास्ता साफ हुआ है। दअरसल, अफ्रीकी देश माली में फंसे झारखंड के गिरिडीह और हजारीबाग जिलों के रहने वाले 33 मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वतन वापसी की गुहार लगाई थी जिसे प्रमुख दैनिक अखबारों ने छापा था, उन मजदूरों ने वीडियो के माध्यम से बताया है कि वे जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां पिछले 3 महीने से वेतन नहीं दिया गया, जिससे खाने पीने के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में किसी प्रकार उन्हें भारत वापस भेजा जाए। सोशल मीडिया में भी सुनील महतो नामक युवक ने प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई लोगों से इस मामले में इन मजदूरों के मदद करने का अनुरोध किया था। जिसमें बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह भाजपा झारखंड प्रदेश के प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी शामिल थे। कुणाल ने ट्वीट को संज्ञान में लेकर तुरंत विदेश मंत्री एस जयशंकर, माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी, वहाँ पदस्थापित भारतीय राजदूत अंजनी सहाय, एवं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची सहित कई लोगों को इन मजदूरों के सकुशल घर वापसी हेतु मदद का आग्रह किया। जिस पर माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी ने जवाब दिया है की उन्होंने दोनों पक्षों, मजदूरों और उनकी कंपनी से संपर्क साध लिया हैं और उनके बीच जो भी विवाद है उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया है कि मजदूरों के पास भोजन की पर्याप्त उपलब्धता है और वे पूरी तरह सुरक्षित हैं। वहीं, त्वरित हस्तक्षेप के लिए कुणाल षाडंगी ने माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी को धन्यवाद दिया है और कहा है कि उन्होंने भी यहां मजदूरों के परिवारों को यही बात बतायी है। कहा कि यदि मजदूर और नियोक्ता के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है तो यह बहुत अच्छा होगा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने उम्मीद जताई है कि मजदूरों का यह मुश्किल समय जल्द ही खत्म हो जाएगा।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

09:09