जमशेदपुर – भाजपा ने आदिवासी हितों के संरक्षण की माँग लिए उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

जमशेदपुर।प्रदेश के अनुसूचित जनजाति सामुदाय के संवैधानिक और सांस्कृतिक हितों के संरक्षण और संवर्धन को भारतीय जनता पार्टी संकल्पबद्ध है। सूबे की रघुवर सरकार ने प्रदेश के आदिवासी समाज के विकास और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किये हैं। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने कही। श्री गिलुआ गुरुवार को जमशेदपुर समाहरणालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा द्वारा पूर्वी सिंहभूम ज़िले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें मुख्यरूप से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ शामिल हुए। उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में भाजपा ने आदिवासियों के साथ शोषण, धोखाधड़ी और अत्याचार रोकने के आशय से कई महत्वपूर्ण विषयों को रेखांकित कर उपायुक्त से कार्यवाई की माँग रखी। भारतीय जनता पार्टी ने सीएनटी-एसपीटी अधिनियम के उल्लंघन से जनजातीय लोगों की सुरक्षा के निमित्त महत्वपूर्ण मांगपत्र समर्पित किया। बताया गया कि चूंकि काश्तकारी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप उसके कड़ाई से अनुपालन की यथोचित दायित्व और शक्तियाँ जिला उपायुक्त को प्राप्त है। भारतीय जनता पार्टी ने सौंपे माँग पत्र में बताया कि आदिवासियों के ज़मीन को ईसाई मिशनरियों, गैर जनजाति दबंगों और भूमि दलालों द्वारा गैर वाजिब तरीके से लिया जा रहा है। भाजपा ने चिंता जाहिर किया कि ईसाई मिशनरियों के पास भू-संपत्ति के नाम पर अकूत जनजातीय भूमि उपलब्ध हैं जिससे उन्होंने सुदूर क्षेत्रों में जमा लिया है। इसके कारण सरकारी संस्थाओं को ही अक्सर भूमि की उपलब्धता कम हो गयी है। बढ़ते मिशनरी प्रभाव और प्रलोभन से धर्मांतरण भी कराया जा रहा है। मौके पर भाजपा के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के उल्लंघन कर आदिवासियों को ठगने वालों पर कठोर कार्यवाई ज़रूरी है। भूखंडों की जाँच कर जनजाति सामुदाय को वापस दख़ल दिलाने की कार्यवाई को वक़्त की माँग बताया। पोटका की विधायक मेनका सरदार ने कहा कि ईसाई मिशनरियों के भूमि और स्वामित्व की जाँच कर कार्यवाई होने से जनजातीय वर्ग की सुरक्षा संभव है। जमशेदपुर महानगर भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने इस मामले पर झारखंड नामधारी सियासी दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में वर्षों तक आदिवासियों के पिछड़ेपन का एकमात्र कारण यहाँ की झारखंड नामधारी क्षेत्रीय पार्टियाँ रही हैं। उन्होंने अपने सियासी फ़ायदे के लिए आदिवासी जनजातीय सामुदाय को उपेक्षित रखा। सूबे की रघुवर सरकार ने उनके संवैधानिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा के संकल्प से विकास और मुख्यधारा से जोड़ने की तत्परता दिखाई।

भारतीय जनता पार्टी के अजजा मोर्चा ने अपने माँग पत्र में धर्मांतरण कर चुके जनजातीय सामुदाय के सदस्यों के आरक्षण को समाप्त करने का भी माँग किया। बताया कि धर्मांतरण कर ईसाईयत अथवा अन्य साम्प्रदायों को अपना चुके लोग अब उनके रीति रिवाजों, सामाजिक नियमों और परंपरा को मानतें है। ऐसे लोगों के जाती प्रमाण पत्र एवं आरक्षण के लाभ पर विचार कर उसे समाप्त किया जाना चाहिए। मौके पर विशेष रूप से लक्ष्मण गिलुवा,लक्ष्मण टुड्डू,मेनका सरदार,दिनेश कुमार,राजेश कुमार शुक्ला,लखन मार्डी, शोभा सामंत,काजू सांडिल्य,भक्तु मार्डी,बारी मुर्मू,भूपेंद्र सिंह,अनिल मोदी,चंद्रशेखर गुप्ता,राकेश सिंह,सुनील बारी,पुष्पा तिर्की,अंकित आनंद, विजय सोय,संतोष सांडिल्य,प्रकाश कोया,रमेश बास्के,गणेश मुंडा समेत सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।
Comments are closed.