जमशेदपुर : पोटका के अंचल के तिरिंग मौजा में शहर के एक व्यवशायी द्वारा स्थापित किये गये पानी फैक्ट्री के विरुद्ध तिरिंग गांव के ग्रामीणों का आंदोलन जारी है. यहां पानी फैक्ट्री के बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपी है. पुरे गांव के लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में कहा गया है कि तिरिंग मौजा में पानी फैक्ट्री गलत या अवैध रूप से स्थापित किया गया है, जहां भुगर्भ जल को निकालकर बाजार में बेचा जा रहा है. एैसे ही तिरिंग गांव में पानी की घोर किल्लत है, गांव के सभी तालाब पुरी तरह से सुख गये है और चापानल पाईप से जलस्तर से नीचे चले जाने के कारण चापानलों से पानी निकलना बंद हो गया है. गांव के लोग नहाने और मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दुसरे गांव के तालाब-पोखर का सहारा ले रहे है. इस स्थिति में एक व्यवशायी द्वारा उसी जगह से प्रतिदिन हजारों हजार लीटर पानी निकालकर बेचा जाना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है, जिसके पुरे गांव के लोग आक्रोशित है. इनके द्वारा यहां पानी फैक्ट्री स्थापित करने के समय ग्रामीणों को किसी तरह का सूचित नहीं किया गया और न ही पानी फैक्ट्री हेतु ग्रामसभा से किसी तरह का अनुमती लिया गया है, जो पांचवी अनुसूचि के ग्रामसभा के नियम का उल्लंघन है. यानि पानी फैक्टी की स्थापना गलत तरीके या अवैध रूप से किया गया है, जो जांच का विषय है. इस स्थिति मे गांव के लोग कंपनी को पानी बेचने नहीं देंगे. इस मामले में प्रशासन अविलंब कार्रवाई करें और गांव के लोगों को पानी की समस्या से मुक्ति दिलाएं. ज्ञापन में मुखिया संघ के अध्यक्ष गणेश कुमार सरदार, पंचायत समिति सदस्य उर्मिला सामाद, ग्राम प्रधान मंजु सरदार, पूर्ण चंद्र सरदार, सनातन सरदार, जीतेन सरदार, निवारण सरदार, शुरू सरदार, अजय सरदार, तपन मुंडा समेत गांव के लोगों का हस्ताक्षर है.
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