जमशेदपुर।
अभिभावकों में शिक्षा को लेकर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। अभिभावक बच्चों को घर में भी स्कूल जैसा माहौल उपलब्ध करायें। जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के लगभग सभी बस्तियों में सामुदायिक भवन हैं उन्हें चिन्हित कर बच्चों को पढने के लिए समय तय कर उपलब्ध कराया जाएगा ताकि बच्चे इसपर प्रतिदिन मिलकर कम से कम 2 घंटा पढ़ाई कर सकें और उन्हें अपनी बस्ती में भी स्कूल जैसा माहौल मिल सके। बच्चे पढ़ेंगे सीखेगें तो इसका लाभ वे बस्ती में अन्य लोगों को दे पायेंगे। झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के विधायक सरयू राय बृहस्पतिवार को कदमा, टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय में जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षक-अभिभावक की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को पढायें यदि बच्चे पढेंगे तो आगे चलकर अच्छा अवसर प्राप्त करेंगे और परिवार की स्थिति सुधारेंगे। कई घरों में पति शराब पीने में पैसा खर्च कर देता है परंतु बच्चों की पढ़ाई में ध्यान नहीं देता। शराब पीने का महिलायें विरोध करें ताकि उस पैसे से बच्चों की पढ़ाई ठीक से हो सके।
उन्होंने कहा कि अभिभावक यह नहीं चाहता कि उनका बच्चा पढ़े नहीं मगर उनके समक्ष ऐसी मजबूरी हो जाती है कि वे बच्चों को नहीं पढ़ा पाते हैं या पढ़ रहा हो तो पढ़ाई छुड़ाकर काम में लगा देते हैं। उनकी मानसिकता यह हो जाती है कि बच्चा स्कूल जाने के बदले अगर काम में उनकी मदद करेगा तो आमदानी बढ़ेगी। यह सोचकर कई बार लोग अपने बच्चे का कम उम्र में ही शादी भी करवा देते हैं कि एक हाथ और आएगा और काम में उनकी मदद करेगा। लम्बे समय से यह भावना इसलिए है क्योंकि उनकी आमदनी कम है, कमाने के साधन नहीं है। सरकार उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी कई योजनाओं के माध्यम से उन्हें सहयोग प्रदान करती है। कई लोग इसकी आलोचना भी करते हैं कि सरकार लोगों को मुफ्त में देकर उन्हें आलसी बनाती है जिसके कारण वे काम नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को भी मुफ्त में पाने की मानसिकता से बाहर आना होगा। हालांकि कई लोगों के पास रोजगार के सही अवसर नहीं रहने के कारण उनकी ऐसी स्थिति बन जाती है। उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न योजनाओं को चलाने के लिए सरकार टैक्स लेती है और टैक्स से आये पैसे को उन्हें फिर से योजनाओं के माध्यम से वापस कर देती है।
श्री राय ने कहा कि सरकारी विद्यालयों की स्थिति अच्छी होगी तो निजी विद्यालयों पर अंकुश लगेगा। सरकारी विद्यालयों की स्थिति अच्छी नहीं रहने के कारण ही आज निजी विद्यालयों की मनमानी चल रही है। आज कई निजी विद्यालयों का प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा देना नहीं बल्कि व्यापार है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दें। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों की आधारभूत संरचनाएं धीरे धीरे मजबूत हो रही है। सरकार के स्तर से इन्हें प्रत्येक वर्ष फंड उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अलग से इस विद्यालय में कई कार्य करवाये हैं तथा अभी चार कमरा का निर्माण का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी अनुशंसा पर सर्व शिक्षा अभियान द्वारा भी इस द्विालय में 10 कमरों का निर्माण होने वाला है। इस तरह कुल 14 नये कमरे बनेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए विद्यालय प्रबंधन समिति को भी सक्रिय रहना होगा। स्कूल की जरूरतों को चिन्हित करे बतायें ताकि इन्हें पूरा किया जा सके। विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यो को इसके लिए जागरूक रहना होगा। इसके साथ ही उन्हें शिक्षकों के साथ मिलकर सप्ताह में एक दिन बस्ती में जाकर लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करें।
जिला शिक्षा अधीक्षक विनित कुमार, राम प्रसाद महतो, बीईओ, जमशेदपुर, एस पी सिंह, शिक्षा प्रतिनिधि, 43 विद्यालयों के प्राचार्य, प्रत्येक विद्यालय से 7-7 अभिभावक एवं शिक्षा समिति के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापान पर उपस्थित सबों ने सामुहिक शपथ लिया कि विद्यालय में नामांकन की संख्या बढ़ायेंगे तथा नामांकन के अनुरूप विद्यार्थियों का विद्यालय में शत प्रतिशत अटेंडेंस करवाया जाएगा
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