मेंस कांगेस व मेंस यूनियन का है रेलवे पर करोडों का किराया बकाया

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रेलवे मेंस कांगेस व मेंस यूनियन का मान्यता हो सकता है समाप्त
टेड युनियन एक्ट के तहत सिपीओ पर गाज गिरना तय
रेलवे बोड के आदेश को किया सिपीओ ने नजर अंदाज
सिपीओ ने सभी रेल प्रबंधक को किया तलब
मामला है दोनो संगठनो का मकान व बिजली बिल का भुगतान नहीं करने का
रेलवे प्रबंधन से लिया अवधि भी दोनों संगठन के महामंत्री ने किया समाप्त
सिपीओ पर लग रहा पक्षपात करने का आरोप
जमशेदपुर! वष 2013 में रेलवे युनियनों की मान्यता के लिए चुनाव में रेलवे बोड का स्पष्ट निदेश था कि किसी भी जोनल का चुनाव जितने के बाद नो डियूज प्रमाण पत्र जिससे यह सत्यापित हो सके कि संबंधित यूनियनों का जोनल व मंडल तथा शाखा कायालय का लाइसेंस फिस व बिजली तथा कायालय का किराया भुगतान हो गया है! लेकिन एसइ रेलवे के प्रबंधन द्वारा मेंस कांगेस के तत्कालिन महामंत्री के एस मूति एंव मेंस युनियन के महासचिव अमजद अल्ली ने मुख्य कामिक अधिकारी मनोज पांडेय को एक हल्फ नामा दायर कर बकाया बिल का भुगतान के लिए 31 दिसंबर 2013 तक का समय मांगा गया था! इसी हलफनामा के आलोक मेइ जोनल प्रशासन द्वारा हलफनामा पर सहमति देते हुए मान्यता प्राप्त कराया गया! लेकिन दिए गए अवधि के 10 माह बाद भी जब दोनांे संगठनों ने अवना लाइसेंस फिस व मकान तथा बिजली का बकाया भुगतान नहीं किया तब वहीं चुनाव में भाग ले रहे एक अन्य संगठन दक्षिण पूव रेलवे टीएमसी ने कोलकाता के अलिपूर कोट में सिपीओ के उपर एक मुकदमा दायर करते हुए जबाब तलब किया गया कि सिपीओ अपने किस फायदे के तहत दोनो संगठन का मान्यता समाप्त नहीं कर रहे और उनके कायालयों का सभी सुविधा को बंद नहीं कर रहे है! इस संबध में रेलवे बोड के उपनिदेशक स्थापना निमला उषा तिकी ने 25 सितंबर 14 को एसइआर के रेल महाप्रबंधक से नो डियूज की जानकारी अविलंब मांगा गया है! तब जाकर जोनल के अधिकारियों कि निंद खुली और उन जिएम आइआर सह एम सोरेन ने 27 अक्तुबर 14 को एसइआर के 4 मंडलों मे दोनो संगठनों के कायालयों का बकाया राशि का ब्यौरा मांगा गया है! श्रात हो कि दोनो युनियन के शाखा कायालयोइ का वष 1986 से अब तक मकान किराया के मद में मेंस कांगेस का 403917 व मेंस युनियन का 602646 लाख रुपये बकाया है! जबकि बिजली बिल का जांच चल रहा है! दोनो युनियन का 50 50 कायालय है! इन सभी कायालयो का मकान बिजली का कारोडों रुपया बकाया है!

 

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