RANCHI NEWS :तीन दिवसीय स्वर्णरेखा महोत्सव का नगड़ी में शानदार आगाज

स्वर्णरेखा को आज नगरीय प्रदूषण से ज्यादा खतराःसरयू राय

0 73

स्वर्णरेखा के उदगम स्थल पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण
.
युवाओं की भूमिका केवल आंदोलन करने के लिए नहीं होना चाहिएःन्यायमूर्ति पाठक

रांची। रविवार को तीन दिनों तक चलने वाले स्वर्णरेखा महोत्सव की शुरुआत हो गई। आज झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक ने बतौर मुख्य अतिथि इस महोत्सव की शुरुआत की। इस मौके पर स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल पर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का भी उन्होंने और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय द्वारा संयुक्त रुप से अनावरण किया गया।
कार्यक्रम में दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष-सह-स्वर्णरेखा महोत्सव के संरक्षक और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि स्वर्णरेखा महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य स्वर्णरेखा नदी का संरक्षण एवं आम जनमानस को इसे प्रदूषण मुक्त करने की जागरूकता पैदा करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण की दृष्टि से स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल रानीचुआं-नगड़ी से लेकर समुद्र के अंतिम बिंदु तक इसे पाँच भागों में बाँटा जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वर्णरेखा नदी को आज औद्योगिक प्रदूषण की अपेक्षा नगरीय प्रदूषण से ज्यादा खतरा उत्पन्न हो गया है। शहरी क्षेत्र में नाला आधारित विकास नीति बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। हमारे पर्व-त्यौहार तभी सार्थक होंगे, जब नदी प्रदूषण मुक्त होकर अविरल बहती रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, झारखण्ड उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक ने कहा कि युवाओं की भूमिका केवल आंदोलन करने के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि पर्यावरण एवं जलस्रोतों का सरंक्षण करने में युवाओं को अहम भूमिका निभानी होगी। लोग यदि अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से करें तो यह देश के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान होगा। हमारे बीच से जो युवा निकलकर बड़े अधिकारी बनते हैं वे प्रोफेशनल हो जाते हैं। उन्हें अपने दायरे से बाहर निकलकर जलस्रोतों और पर्यावरण का संरक्षण करने में आगे आना चाहिए। स्वामी विवेकानंद केवल इसलिए आदर्श नहीं हैं कि वह एक संत है, बल्कि इसलिए हमारे आदर्श हैं कि उन्होंने शिक्षा, संस्कृति और मानवता की उन्नति को आधार बनाया है। यदि हम अपनी संस्कृति को नहीं बचा पाये तो हम अपने देश को भी नहीं बचा पायेंगे। उन्होंने युवाओं से अपनी सभ्यता और संस्कृति बचाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत डीआईजी संजय रंजन सिंह ने कहा कि नदियां मानव सभ्यता की जननी हैं। नदियों की स्वच्छता का ख्याल हमें हर हालत में रखना ही होगा। नदियां समाप्त हुईं तो मानव सभ्यता भी समाप्त हो जाएगी। युवा दिवस के दिन युवाओं को संकल्प लेना चाहिए कि वे नदियों की रक्षा करेंगे ताकि हमारी सभ्यता की भी रक्षा हो सकेगी।

इससे पहले स्वर्णरेखा महोत्सव के प्रथम दिन यानि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा दिवस मनाया गया। स्वर्णरेखा महोत्सव के मुख्य अतिथि, झारखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. एस.एन. पाठक एवं जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने संयुक्त रूप से रानीचुआं-नगड़ी में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के बाद जरुरतमंदों के बीच कंबल वितरण भी किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वर्णरेखा महोत्सव के संयोजक तपेश्वर केशरी, जिला परिषद की सदस्या पूनम देवी, उप प्रमुख विद्या रानी, युगांतर भारती के अध्यक्ष अंशुल शरण, सचिव आशीष शीतल, केदार महतो, चूड़ामणि महतो, धर्मेंन्द्र तिवारी, पी.एन. सिंह, सत्यनारायण महतो सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन हेमंत केशरी एवं धन्यवाद ज्ञापन बजरंग महतो ने किया।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More