पटना में सोमवार को बारिश रूकने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। 27 सितम्बर शाम से लगातार 03 दिनों तक हुई भारी बारिश के बाद पटना शहर के राजेन्द्र नगर, कंकड़बाग, पत्रकार नगर, बाजार समिति, सैदपुर, गायघाट, बहादुरपुर गुमटी, हनुमाननगर, मलाही पकड़ी, वैशाली गोलंबर, कुम्हरार आदि कॉलोनियों में 04 – 05 फ़ीट जलजमाव के बाद सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
मुश्किल की इस घड़ी में 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की 06 टीमें श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट के नेतृत्व में राहत व बचाव कार्यों में दिन-रात लगी हुई है।
श्री विजय सिन्हा, कमान्डेंट, 9 बटालियन एनडीआरएफ ने बताया कि हमारे बचावकर्मी 28 सितम्बर से अबतक दिन-रात अथक परिश्रम करके 07 हजार से अधिक जल-जमाव वाले इलाके में फँसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल चुके है। सुरक्षित बाहर निकाले गये लोगों में 323 रोगी तथा 12 गर्भवती महिलाएं शामिल है। वर्तमान में पटना शहर में राहत व बचाव अभियान में 9वीं बटालियन एनडीआरएफ के कुल 225 से अधिक बचावकर्मी 36 रेस्क्यू बोटों के साथ मुस्तैदी से जुटे हुये हैं। साथ ही, एनडीआरएफ के बचावकर्मी जिला प्रशासन को राहत सामग्री जैसे- वाटर बोटल, दूध, बिस्कुट, मोमबती, माचिस, खाना का पैकेट आदि भी बांटने में बोट द्वारा मदद कर रहे हैं। एनडीआरएफ की दो मेडिकल टीमें भी लोगों को मेडिकल सहायता में जुटी हुई है।
आज गाय घाट, पटना इलाके में एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने जलजमाव में फँसे एक हिरण के बच्चे को भी सुरक्षित निकालकर उसे बचाया।
कमान्डेंट विजय सिन्हा ने कहा कि पिछले 04 दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों से भी अपने अपने संबंधियों अथवा परिजनों को मदद पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम में सूचनाएं भी प्राप्त हुई जिस पर आवश्यक कार्यवाही करके लोगों को हर संभव मदद किया गया। राहत व बचाव कार्यों के दौरान प्रभावित लोगों ने जिस प्रकार अपने धैर्य का परिचय दिया है, यह सराहनीय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सिविल प्रशासन के कुशल सहयोग से जल्द ही यह इस राहत व बचाव ऑपेरशन को निपटा लिया जाएगा।
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