कायरता की हद –

96
AD POST

विजय सिंह, नई दिल्ली,17 दिसबंर
पाकिस्तान  में आतंकियों  द्वारा स्कूली बच्चों की शर्मनाक हत्या की जितनी भी निंदा की जाये ,कम है..लानत है ऎसी घटिया सोच पर भी ,जो मासूम बच्चों की हत्या करने के पहले सोचता भी नहीं..हत्या और रक्तपात तो किसी भी तरह की  निंदनीय है ,परन्तु इस तरह स्कूल में घुसकर मासूमों की हत्या करना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है.क्या बिगाड़ा था इन बच्चों ने?क्या दोष था इनका? कौन सी मर्दानगी का  प्रमाण देना चाहते है ये बारूद के सौदागर?

AD POST

पाकिस्तान के इस महादुःख की घडी में हम सब उसके साथ है और पूरी सिद्धत से इस नापाक घटना की निंदा करते हैं. पाकिस्तान को भी इस कायर घटना से सीखने की जरुरत है.जरुरत है इसके ठोस समाधान की .जरुरत है आतंक के विरुद्ध जोरदार आवाज़ उठाने की,जरुरत है अब आतंक के सर को कुचलने की.
पाकिस्तान को यह भली भांति सोचना होगा कि अब आतंक को और प्रश्रय देना खौफनाक हो सकता है.
कायरता की हद तो यह कि इस घृणित घटना की जिम्मेदारी लेने वाले तालिबानी आतंकी संगठन के प्रवक्ता मोहम्मद उमर खोरासनी  किसी अज्ञात जगह से मीडिया को शान (असल  में कायरता ) से बता रहा है कि “उन लोगों ने ही बच्चों को गोलियों से उड़ा दिया है”  क्या इससे भी ज्यादा कायरता कुछ हो सकती है?

टी.वी.पर जिस तरह से प्रत्यक्षदर्शी .बच्चों ने घटना का विवरण सुनाया ,उससे खौफ का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. क्या पाकिस्तानी फ़ौज़ सिर्फ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए है?क्या पाकिस्तानी फ़ौज़ का एक मात्र काम हिंदुस्तान में आतंकी भेज कर परेशान करना है ? क्या आज पाकिस्तानी सेना के ही स्कूल में आतंकियों द्वारा किये गए बच्चों के  इस जघन्य   हत्या में पाकिस्तानी सेना आतंकियों के विरुद्ध हथियार उठाएगी?क्या खत्म कर पाएगी पाकिस्तानी सेना ऐसे क्रूर कामों को अंजाम देने वाले कायर आतंकियों को? ये सवाल आज पाकिस्तान की जनता ही नहीं ,भारत सहित समूचा विश्व जानना चाहता है.
भारत तो हर संभव मदद देने को तैयार खड़ा है.प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बात कर इस बात का भरोसा दिलाया है. संभवता विश्व के अन्य देश भी चाहे वो अमेरिका हो या ब्रिटेन और रूस ,जापान,चीन ,सभी आतंक के खिलाफ एकजुट होने से पीछे नहीं हटेंगे.
तो क्यों नहीं नवाज शरीफ की सरकार और पाकिस्तानी सेना मौत के इन सौदागरों को खोज खोज के ,चुन चुन के खत्म करने का संकल्प ले और  मजबूती से आतंक का सफाया कर अमन चैन का माहौल कायम करें.
क्या अब भी पाकिस्तानी  सरकार और सेना को किसी मुहूर्त का इन्तजार है?

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More