बेंगलुरू, 5 नवंबर। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पिछले सीजन में ट्रॉफी उठाने के बाद मौजूदा चैंपियन बेंगलुरू एफसी के लिए इस सीजन की शुरूआत अच्छी नहीं रही है।
बेंगलुरू ने इस सीजन में अब तक तीन मैच खेले हैं और तीनों में उसे ड्रॉ से संतोष करना पड़ा है। टीम ने अपना पिछला ड्रॉ रविवार को जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स मेजबान जमशेदपुर एफसी के खिलाफ खेला था। इससे पहले टीम ने पिछले दोनों सीजन में केवल पांच मैच ही ड्रॉ खेले थे।
बेंगलुरू ने इस सीजन पहले तीन मैचों में अब तक केवल एक ही गोल किया है।टीम के कोच कार्लोस कुआड्राट ने कहा, ‘‘टीम ड्रॉ खेल रही है क्योंकि हम बहुत ही अच्छे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेल रहे है। हम गोल करने की कोशिश करते हैं। हमें दबाव महसूस करने की जरूरत नहींहै, हमें अपना काम करना है और जीत आ जाएगी।’’
बेंगलुरू ने अब तक 25 शॉट लगाए हैं (आॅन और आॅफ टारगेट) और कुआड्राट की टीम उन 25 शॉट में से केवल एक बार ही गोल करने करने में कामयाब हो पाई है। टीम के लिए यह बेहद ही खराब आकंड़ा है।
लीग के पिछले दो सीजन में बेंगलुरू से ज्यादा केवल एफसी गोवा ने ही गोल किए थे। बेंगलुरू के इस प्रदर्शन पर अब यह सवाल उठने लगे हैं कि टीम के आक्रमण में निरंतरता का अभाव क्यों हैं। राफेल अगस्तो और आशिक कुरियन के आने से बेंगलुरू का आक्रमण मजबूत हुआ है। लेकिन वेनेजुएला के स्ट्राइकर मीकू को रिप्लेस करना मुश्किल है। मीकू और सुनील छेत्री की जोड़ी ने 2017-18 के दौरान अच्छा संयोजन बनाया था और टीम के लिए काफी गोल किए थे।
पिछले सीजन में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी। मीकू ने कुछ अहम गोल किए थे। इसमें छेत्री का भी अहम योगदान रहा था, जिसकी बदौलत बेंगलुरू चैंपियन बनी थी। मीकू ने बेंगलुरू के लिए 32 मैचों में 20 गोल किए और चार असिस्ट किया है।
लीग में केवल दो सीजन ही खेलने के बावजूद वह लीग के इतिहास में सर्वाधिक गोल करने वाले छठे खिलाड़ी हैं। वह 2018-19 सीजन में ज्यादातर समय चोटिल भी रहे थे।
कुआड्रॉट ने कहा, ‘‘किसी भी टीम को मीकू की कमी खलेगी क्योंकि वह काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। लेकिन मुझे लगता है कि टीम बिना मीकू के भी मौके बनाने में सक्षम है। हम काफी अन्य तरीकों से भी काम कर रहे हैं। हम मीकू के साथ और उनकी गैर मौजूदगी में भी मौके बनाने की परिस्थितियां बना सकते हैं।’’
मीकू की जगह स्पेनिश स्ट्राइकर मैनुएल ओनवू आए हैं। कोच को उम्मीद है कि अब वह आगे आने वाले मैचों में टीम के लिए बेहतर करेंगे। टीम के लिए यह जरूरी है कि उसके मुख्य खिलाड़ी आगे आकर अच्छा प्रदर्शन करे।
ओनवू को मिडफील्ड और फ्लैंक से मौक मिलेंगे। छेत्री को अभी भी लय हासिल करना है, उदांता सिंह राइट फ्लैंक पर खतरनाक लग रहे हैं और अगस्तो को स्ट्राइकर के पीछे का रोल दिया गया है। मिडफील्ड में दिमास डेलगाडो की मौजूदगी डिफेंस को अच्छी सप्लाई देगी।
बेंगलुरू के लिए यह सही समय पर अहम खिलाड़ियों के आगे आने की बात है। बेंगलुरू एफसी के लिए छेत्री को डेंजर्स एरिया में बॉल के ऊपर आना होगा और ओनवू को अपने अन्य साथियों के साथ गोल करने के मौके बनाने होंगे।
बाकी की लीग समय के साथ मजबूत और सुधरती जाएगी। सीजन की शुरुआत में जमशेदपुर एफसी और नॉर्थईस्ट युनाइटेड प्लेऑफ की दावेदार के रूप में उभरी हैं , लेकिन छेत्री की कप्तानी वाली टीम अब ज्यादा अंक गंवा नहीं सकती।
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