पूर्वी सिहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल के गुडाबांधा क्षेत्र स्थित वारुणमुठी जंगल से बोरे में बंद एक नवजात बच्ची बरामद हुई है। उधर, एमजीएम अस्पताल से जिस मां की बच्ची चोरी हुई है, उसका दावा है कि यह बच्ची उसी की है। लेकिन सिटी डीएसपी अनुदीप सिंह ने कहा है कि जांच के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि बच्ची किसकी है। उधर, बच्ची चुराने वाली महिला अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
शुक्रवार देर रात नवजात बच्ची को लेकर पुलिस एमजीएम अस्पताल पहुंची। पुलिस के अनुसार बच्ची वारुणमुठी जंगल में एक बोरे में भरकर फेंकी हुई मिली है। बोरे का मुंह पत्थर से दबा हुआ था। सुबह में जब जंगल की ओर गांव की महिलाएं गईं तो बोरे से रोने की आवाज आई। इसके बाद महिलाओं ने बोरा खोलकर देखा तो उसमें बच्ची मिली। इसके बाद महिलाओं ने उस बच्ची को गुड़ाबांधा थाने के समीप रहने वाली आसमां बीबी के हवाले कर दिया। आसमां बीबी सबसे पहले बच्ची को लेकर पुत्रवधु के पास गई। पुत्रवधु ने स्तनपान कराया। इसके बाद आसमां बीबी ने पास के आंगनबाड़ी केंद्र और पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने साकची थाने को जानकारी दी। एमजीएम में बच्ची पहुंची तो वजन डेढ़ किलो हो चुका है। जन्म के समय वजन ढाई किलो था। आसमां बीबी का कहना है कि बच्ची जब बोरा से निकाली गई तो वह खून से लथपथ थी। उसके अनुसार बच्ची का जन्म किसी घर में हुआ। उसके बाद किसी ने जंगल में फेंका दिया। मालूम हो कि चाईबासा के बड़ागुइरा गांव के नौरु पूर्ति की पत्नी पंगेला देवी प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार की रात भर्ती करायी गई थी। बुधवार की सुबह ऑपरेशन से प्रसव हुआ और दोपहर करीब 12.15 बजे बच्ची चोरी हो गई।
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