कर्णाटक की राजधानी बैंगलोर में इन दिनों कर्णाटक पब्लिक सर्विस कमीशन में नियुक्ति घोटाले की चर्चा जोरों पर है.भुक्तभोगी प्रतिभाएं कमीशन के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं और न्याय की आस लगाये हुए हैं.
कर्णाटक पब्लिक सर्विस कमीशन (के..पी.एस.सी.)द्वारा आयोजित परीक्षा के बाद असिस्टेंट कमिश्नर बनाने के एवज में भारतीय जनता पार्टी की एक कार्यकर्ता और बैंगलोर बृहत महानगरपालिका की अधिकारी मंगला श्रीधर ने अभ्यर्थियों को फ़ोन करना शुरू किया और असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्ति के लिए ७५ लाख रुपयों की मांग अभ्यर्थियों से की.ऐसे ही एक आरक्षित कोटे के अभ्यर्थी एच.पी.एस.मयत्री ने बताया क़ि उसे मंगला ने कई बार फ़ोन किया और असिस्टेंट कमिश्नर बनवाने के लिए ७५ लाख रुपयों की मांग की.
अभ्यर्थियों की शिकायत पर विशेष लोकायुक्त की अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया और कर्णाटक सरकार के मुख्यमंत्री के निर्देश पर सी..आई.डी जांच में मंगला और उसके साथी के..पी.एस.सी के पूर्व अध्यक्ष गोनल भीमप्पा ,सेक्शन अधिकारी अरुणाचलम ,मंगला का निजी सहायक सुधीर ,बैंगलोर वाटर सीवेज इंजीनियर सोमेश चीमठ ,सचिवालय कर्मचारी राजशेखर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है.
बताते चलें क़ि भाजपा कार्यकर्ता मंगला श्रीधर को कमीशन में सदस्य बनाने की अनुशंसा तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने दिसंबर २०१२ में की थी.