रांची।युगांतर आर्ट्स एवं ह्यूमैनिटीज द्वारा आयोजित 12 दिवसीय डोकरा और टेराकोटा कार्यशाला का समापन आज सिदरौल स्थित युगांतर भारती परिसर में सम्पन हुआ। विगत 12 दिनों से खैरागढ़ और मंदार से आये विभिन्न कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर परविंदर कौशल ने कहा कि भारत में भी विदेशो के कई देश की तरह कला को संग्रहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं कला को समांतर रख कर भी कार्य किया जा सकता है। प्रोफसर कौशल ने युगांतर आर्ट एंड humanities के अनूठे प्रयास की प्रशंशा की ओर आगे से ऐसा आयोजन अपने विश्वविद्यालय में भी करने का विचार रखा।
युगांतर भारती के कार्यकारी अध्य्क्ष श्री अंशुल शरण ने घोषणा की की जल्द ही युगांतर भारती परिसर में आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में नए कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने में सहयोग किया जाएगा।
वरीय कलाकार हरेन ठाकुर ने कहा कि मानसिक प्रदूषण और विसुअल प्रदूषण का समाधान एक कलाकार के पास ही है। उन्होंने मांग की की फ्लेक्स के माध्यम से प्रदुषण फैलाया जा रहा है जिसको तुरंत रोका जाना चाहिए।
स्वागत भाषण एस एन सिन्हा इंस्टीटूट के निर्देशक समीर सिंह ने दिया, धन्यवाद ज्ञापन दीपंकर कर्मकार ने दिया और मंच संचालन रितेश झा ने किया। इस कार्यक्रम में दिलीप टोप्पो, दिनेश सिंह, विश्वनाथ चक्रोबारती, कमलेश ओझा, उमेश दास, पवन कुमार, ब्रजेश कुमार, संतोष कुमार, विजय कुमार, साइमा आफरीन, पुष्पा टोप्पो, अनिल कुजूर इत्यादि मौजूद थे।
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