
जमशेदपुर।
मुख्यमंत्री विधानसभा क्षेत्र के बुर्जूग महिला अपने दिव्यांग बच्चो के साथ उपायुक्त कार्यलय के अहाते मे धरने पर बैठ गई। करीब चार घंटे घरने के दौरान उपायूक्त के अश्वासन के बाद सभी घरने से हटे।वही धऱने मे उनके बेटे भी साथ बैठे थे।
क्या है मामला
इस सर्दभ मे बताया जाता है कि भालुभाषा के एक ही परिवार के तीन भाई तीनों 100% विकलांग हैं। तीन माह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के विधानसभा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत इनका आशियाना भी उजाड़ दिया गया। बाद में मुख्यमंत्री ने जिले के आलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि अविलंब इन्हें आवास उपलब्ध कराई जाए बावजूद इसके अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीँ होने नाराज तीनों भाई आज उपायुक्त कार्यालय पर धरने पर हैं, साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दो दिनों के भीतर जिला प्रशासन कोई समाधान नहीं करती हैं तो तीनों भाई आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

क्या कहते है पिड़ीत परिवार
साधना ने बताया कि जब उसके दुकान तोड़ा जा रहा था तब उसे दुसरा जगह दुकान देने का कहा गया था . लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी आज तक उनलोगो को दुकान नही मिला जिससे उन लोगो की भुखमरी जैसी स्थिती उत्पन हो गई है।
उपायूक्त के अश्वासन के बाद हटा परिवार
उपायूक्त अमीत कुमार जैसे दोपहर को अपने कार्यलय से बाहर निकले तो उनकी नजर कार्यलय परिसर मे बैठे धरने मे बैठे परिवार पर पड़ी। तो उन्होने एस डी ओ सुरज कुमार से इस सर्दभ मे जानकारी ली। उन्होने पिड़ीता साधना दास को बुलाया और वस्तूस्थिती का जानकारी ली।उन्होने उपाय़ूक्त को अश्वासन दिया कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।उपायुक्त के अश्वासन के बाद सभी वहां से उठे।
क्य़ा कहते है मूख्यमंत्री के प्रतिनिधी
इस सर्दभ मे मुख्यमंत्री के प्रतिनिधी पवन अग्रवाल ने कहा कि इन लोगो को पहले भी कई जगह दिखाया गया है।लेकिन कोई भी जगह इन लोगो को पसंद नही आया है।ये लोग जिस जगह की बाते कर रहे है वहां किसी और कर घर है किसी दुसरे के घर के सामने बैठाया नही जा सकता है। फिर भी हमलोगो के संज्ञान मे यह मामला है जल्द से जल्द उन्हे जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी।
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