Jamtara News:बराकर नदी में नाव हादसे के बाद फिर से उठने लगा पुल निर्माण का मुद्दा, पूर्व विधायक की पत्नी चमेली देवी ने उठाया बीड़ा
बराकर नदी में नाव हादसे के बाद फिर से उठने लगा पुल निर्माण का मुद्दा, पूर्व विधायक की पत्नी चमेली देवी ने उठाया बीडा
– हादसे में 5 बचे एक दर्जन से अधिक लापता, 14 घंटे बाद एनडीआरएफ ने शुरू किया रेस्क्यू, हाथ खाली
– पति के अधूरे सपने को पूरा करने के चमेली देवी ने शुरू की श्यामपुर से सीएमओ तक की दौड़
जामताड़ा।
जामताड़ा बराकर नदी में नाव हादसे के लगभग 14 घंटे बाद शुक्रवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। जिसमें स्थानीय गोताखोर भी सहयोग करने में जुट गए है। अभियान के 12 घंटा बीत जाने के बाद भी एनडीआरएफ के टीम का हाथ खाली है। इस दौरान प्रशासन एवं पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बचाव कार्य को सफलता मिलने में विलंब होने पर प्रशासन और पुलिस को स्थानीय लोगों के आक्रोश का भी बीच-बीच में सामना करना पड़ रहा है। इघर एक बार फिर बराकर नदी पर पुल बनने की मांग तेजी से उठने लगी है। आक्रोशित लोगों का कहना है पूल अधूरा रह जाने के कारण प्रत्येक वर्ष इस तरह का हादसा होते रह रहा है। लेकिन सरकार और प्रशासन का इस पर ध्यान नहीं जा रहा है। पूल का निर्माण हो गया होता तो आज इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
36 करोड़ की लागत से हो रहा था पुल का निर्माण:
बता दें कि बराकर नदी पर धनबाद के निरसा और जामताड़ा जिला को जोड़ने के लिए श्यामपुर- वीरगांव घाट और बरबेंदिया घाट के बीच लगभग 2:75 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण वर्ष 2006 में प्रारंभ हुआ था। उस वक्त इसकी लागत लगभग ₹360000000 (36 करोड़) की थी। लेकिन वर्ष 2009 में भारी बारिश के कारण नदी में आई बाढ़ में पुल के पांच पिलर बह गए थे। उसके बाद इसके निर्माण पर ग्रहण लग गया। हालांकि स्थानीय लोगों की ओर से पुल निर्माण को लेकर अक्सर आवाज उठाने के बाद भी परिणाम सकारात्मक नहीं निकला। तात्कालीन विधायक विष्णु प्रसाद भैया के प्रयास से इस पुल का निर्माण प्रारंभ हुआ था। लेकिन प्राकृतिक आपदा और खराब गुणवत्ता के कारण पुल का पीला बाढ़ में बह गया और निर्माण पूरा नहीं हो सका।
पुल निर्माण होकर रहेगा, बेबस परिजनों का दर्द मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है: चमेली देवी
लेकिन अब इस मामले को विष्णु भैया मेमोरियल फाउंडेशन की संरक्षिका और पूर्व विधायक की धर्मपत्नी ने पुल पुल निर्माण करवानेका बीड़ा उठा लिया है। हादसे के बाद उन्हें पहली सुचना मिली और तत्काल उन्होंने सीएमओ से संपर्क कर मुख्यमंत्री को घटना से अवगत करायाऔर प्रशासनिक टीम के साथ घटनास्थल पर भी पहुंची। मामले को लेकर उन्होंने वर्तमान झारखंड सरकार के स्पीकर रविंद्रनाथ महतो से बात कर जानकारी दी और पुन: नए सिरे से पुल निर्माण करवाने में सहयोग की मांग की है। उन्होंने घटना पर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि जो लोग लापता हुए है उनके दर्द को मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है। उन्होंने हर परिस्थिति में ग्रामीणों के साथ खड़े रहने की बात कही। साथ हीं पुल निर्माण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकत करने की बात कही।
वहीं 42 वर्ष पूर्व सांसद का पुल निर्माण को लेकर दर्द छलका:
पूर्व गोड्डा सांसद सह जामताड़ा के पूर्व विधायक फरकान अंसारी ने कहा कि अगर पुल का निर्माण हो गया होता तो यह हादसा नहीं होता। उन्होंने घटना के बाद श्यामपुर में यह बात कही। शुक्रवार की सुबह भी पूर्व सांसद घटनास्थल पर पहुंचकर एसडीओ संजय पांडेय से जानकारी ली। बता दें कि पूर्व सांसद फुरकान अंसारी लगातार 25 वर्ष तक जामताड़ा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया था। उसके बाद वर्ष 2005-वर्ष 2014 तक विष्णु भैया ने प्रतिनिधित्व किया था। जबकि वर्ष 2014 से लगातार उनके पुत्र डॉ इरफान अंसारी जामताड़ा का प्रतिनिधित्व सात वर्ष से कर रहें है।
लापता लोगों में एक हीं परिवार के महिला और बच्चें सहित चार लोग:
जिले के बराकर नदी पर बरबेंदिया-श्यामपुर-वीरगांव नदी घाट पर गुरुवार की देर शाम नाव हादसे में दर्जनाधिक लोगों के लापता होने की संभावना हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जहां नाव पलटी है उस जगह 30-40 फीट से ज्यादा गहरा पानी है। नाव के बराकर नदी के बीच में पहुंचते ही अचानक तेज आंधी और बारिश शुरू हो गया। जिसकी चपेट में आने से नाव पलट गई। बताया जा रहा है कि नाव में 22-25 लोग सवार थे। जिसमें 5 लोगों को सकुशल बचा लिया गया। वही लगभग डेढ़ दर्जन लोग के लापता होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिसमें एक ही परिवार की महिला और बच्चे सहित चार लोग शामिल हैं।
नाविक भी है लापता:
इस दर्दनाक हादसे में नाव का नाविक मनसा मंडल भी लापता हो गया है। जबकि सहयोगी नाविक ने तैर कर अपनी जान बचाई। नाव में सवार सभी लोग धनबाद जिले के निरसा से लौट रहे थे। रात हो जाने की वजह से राहत कार्य को रोक दिया गया। हालांकि रात लगभग 10:00 बजे देवघर से एनडीआरएफ की टीम जामताड़ा मौके वारदात पर पहुंच गई थी। लेकिन खराब मौसम और अंधेरे की वजह से बचाव कार्य शुरू नहीं किया जा सका। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी संख्या में घटनास्थल पर पुलिस बल और दंडाधिकारी की तैनाती रात में ही कर दी गई थी। घटना में जिंदा बचे बलदेव मंडल ने बताया कि नाविक ने शराब पी रखी थी।
हादसे में जिंदा बचे लोग:
डमरु कोल सकड़ियाडीह, प्रसिद्ध मंडल महोगनी गोविंदपुर धनबाद, सुरेश मुर्मू वीरग्राम, बलदेव मरांडी व वासुदेव मरांडी मेझिया
हादसे में लापता लोग और सम्पत्ति:
8 बाइक, तीन साइकिल। अबुल अंसारी साथ में उनकी पत्नी और दो बच्चे मेंझिया, रशीद मियां उनकी पत्नी सालेहा खातून, साली गुलफ्शा श्यामपुर, पांडेश्वर मोहली पंजनिया, विनोद मोहाली पंजनिया, मनसा मंडल नाविक बिरग्राम, फिजुद्दीन, तनवीर आलम एवं अफरोज आलम करमाटांड़।
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