Jamshedpur Today News:*शहर के युवा लेखक अंशुमन भगत की पुस्तक “एक सफर में” का लोकार्पण तुहिन सिन्हा द्वारा किया गया
जमशेदपुर शहर के युवा लेखक अंशुमन भगत की बॉलीवुड टीवी इंडस्ट्री पर आधारित उपन्यास “एक सफर में” का विमोचन मुंबई में शनिवार 18 दिसंबर को हुआ। पुस्तक का लोकार्पण प्रसिद्ध शख्सियत तुहिन सिन्हा जी के द्वारा किया गया जो एक प्रसिद्ध लेखक और बीजेपी प्रवक्ता है।
तुहिन सिन्हा जी ने किताब के लोकार्पण करते हुए लेखक अंशुमन भगत की सराहना की और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी साथ ही उन्होंने कहा कि जमशेदपुर हमेशा से स्टील सिटी इस्पात नगरी के रूप में जाना गया है लेकिन यह बड़े गर्व की बात है कि आज जमशेदपुर से बड़ी तादाद में अच्छे लेखक, अच्छे कलाकार, अच्छे खिलाड़ी और भिन्न-भिन्न रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग जमशेदपुर में प्रसिद्ध है और जमशेदपुर का नाम पूरे विश्व भर में रोशन कर रहे हैं।
बालाजी बताते हैं कि आज लगभग सभी इस बात से वाकिफ हैं कि बॉलीवुड में किस प्रकार एक आम कलाकार अपने सपने को सच करने के लिए अपने मेहनत और स्ट्रगल के बलबूते ऊपर आते हैं लेकिन यह बात भी जानना जरूरी है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में परदे के पीछे का सच क्या है? जो लिखे अंशुमन भगत की इस किताब में उन्होंने बखूबी से लिखा है।
बता दें कि यह पुस्तक ऐसे विषयों पर लिखी गई है जो इस पुस्तक को अपने आप में सबसे अनोखा बनाता है “बॉलीवुड टीवी इंडस्ट्री” में किस प्रकार अपने सपनों के साथ आए नए कलाकार अपनी राह से भटक जाते हैं और भटकाव में आकर गलत फैसला ले लेते हैं इन सभी बातों का खुलकर उल्लेख किया गया है साथ ही ड्रग्स जैसे मुद्दों पर विस्तार से लिखा हुआ है कि कैसे कलाकार ड्रग्स जैसे बुरी आदतों से ग्रस्त होकर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
*अंशुमन भगत की यह किताब मायानगरी की वास्तविकता को दर्शाती है।*
लेखक अंशुमन भगत इस किताब के जरिए कलाकारों तक यह बात पहुंचाना चाहते हैं कि केवल रंग रूप से नहीं काम मिलता किसी भी कलाकार को खुद के रंग-रूप और सुंदरता से ज्यादा खुद के अभिनय और काबिलियत पर भरोसा होना चाहिए, अभिनय से ही किसी कलाकार की पहचान की जा सकती है इसको समझने के लिए लेखक ने कई उदाहरण किताब में लिखे हैं जैसे “नवाजुद्दीन सिद्दीकी” “अमिताभ बच्चन” जैसे महान कलाकार अपने रंग रूप से नहीं, ना ही अपनी शारीरिक सुंदरता से प्रसिद्ध हुए बल्कि वे अपने अभिनय के दम पर इस मुकाम तक पहुंचे। किंतु इस इंडस्ट्री में कई कलाकार ऐसा भी सोचते हैं कि यदि वे महंगे महंगे इंस्टिट्यूट या एक्टिंग अकैडमी से क्लासेस करेंगे तो ही उन्हें काम मिलेगा या अच्छा पहनावा, अच्छा खान-पान या अच्छा दिखेंगे तभी उनको काम मिलेगा, ऐसा सोचने के कारण ही कई कलाकार अपने सपनों से दूर होते चले जाते हैं क्योंकि इन सब कारणों की वजह से वह खुद को उस योग्य नहीं समझ पाते। इन्हीं मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए एक बड़े आर्टिस्ट कम्यूनिकिटी तक सही मायने में संदेश पहुंचे जिससे उन्हें अपनी राह चलने में आसानी हो और किसी तर्क पर नहीं बल्कि खुद लेखक ने अपने 3 साल के अनुभव को सबके बीच साझा किया है।
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