Jamshedpur:गोलमुरी क्लब में टाटा पावर के बिजली दर बढ़ाने के मुद्दे पर हुई जनसुनवाई

गोलमुरी क्लब में टाटा पावर के बिजली दर बढ़ाने के मुद्दे पर हुई जनसुनवाई, आयोजन में हमेशा की तरह 'जन' की उपस्थिति न के बराबर रही, मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सह डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर सौरभ विष्णु, पत्रकार अन्नी अमृता और राजेश ने किया बिजली दर बढ़ाने का विरोध

49

 

जमशेदपुर…

टाटा पावर की बिजली दरें बढ़ाने के मुद्दे पर आज गोलमुरी क्लब, जमशेदपुर में विद्युत नियामक आयोग के समक्ष जनसुनवाई हुई.हालांकि आयोजन स्थल काफी दूर होने और इस संबंध में प्रचार प्रसार नहीं होने से सभागार भर नहीं पाया और काफी कम संख्या में ‘जन’ की उपस्थिति रही.

सबसे पहले टाटा पावर की तरफ से अधिकारी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से आयोग को बताया कि कैसे प्रोडक्शन से लेकर मेंटनेंस में खर्च बढ़ रहा है. 2022-2023 का ट्रू अप और 2023-2024 का एनुअल परफाॅर्मेंस रिव्यू आवेदन को पेश किया गया.उसके बाद बिजली डिस्ट्रीब्यूशन के संबंध में टाटास्टीलयूआईसीएल(जुस्को) के जीएम वीपी सिंह ने कुछ सुझाव दिए.

इस जनसुनवाई के दौरान जनता की तरफ से जवाहरलाल शर्मा, सौरभ विष्णु,अन्नी अमृता और राजेश कुमार ने आयोग के समक्ष अपनी बातें रखीं और बिजली दर बढ़ाने का विरोध किया.सबसे पहले मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि सालों से वे जनसुनवाई में भाग ले रहे हैं और सब कुछ ‘स्पाॅन्सर्ड’ लगता है, जहां कुछ लोग आकर ये तक कहते हैं कि सूरज किसी दिन न निकले पर टाटा की बिजली कभी नहीं कटती.उन्होंने बिजली दर नहीं बढ़ाने की अपील करते हुए सोलर एनर्जी को बढावा देने की सलाह दी.इसके लिए उन्होंने गुजरात और दक्षिण भारत का उदाहरण भी दिया.

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सह डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर सौरभ विष्णु ने आवाज उठाते हुए कहा कि सिर्फ इस बिनाह पर कि कंपनी बोनस पर खर्च करती है, मेंटनेंस में खर्च है, बिजली दर नहीं बढाई जा सकती.टाटा पावर प्लांट में ठेका मजदूरों की हालत देखिए कि वे कैसे जी रहे हैं.यहां कितने स्थानीय लोगों को नौकरी मिलती है?टाटा पावर के जोजोबेड़ा प्लांट के आस-पास पास इतना प्रदूषण है कि लोगों का जीना दूभर है.सड़कें टूटी हुईं हैं.टाटा पावर अपने सीएसआर पर कितना खर्च करती है, यह जानने का लोगों को हक है.यह भी जानने का हक है कि पिछले बार आपलोगों ने किस बेसिस पर बिजली दरें बढाने के पक्ष में फैसला दिया.यह जन सुनवाई है,आपकी या टाटा की सुनवाई नहीं है.मगर यहां हमारी नहीं सुनी जा रही है,आखिर इस तरह दरें बढ़ती रहेंगी तो लोग कैसे जिएंगे?

वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने बिजली दरों को बढ़ाने के टाटा पावर के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि दूसरे शहरों के दर से तुलना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि जमशेदपुर के लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर टाटा कंपनी में प्रोडक्शन होता है, लोग प्रदूषण की मार झेलते हैं और वह विश्वस्तरीय कंपनी बनती है.जमशेदपुर की जनता को पूरा हक है कि उसे सस्ती दर/सब्सिडाइज रेट पर बिजली मिले.टाटा कंपनी को विश्वस्तरीय बनाने में इस शहर और शहर के लोगों का अमूल्य योगदान है.मगर हर साल और अब तो कुछ महीने में ही बिजली की दरें बढ़ती जा रही हैं.खानापूर्ति के लिए विद्युत नियामक बोर्ड जनसुनवाई करता है, जहां सुनवाई के बाद आराम से बिजली दर बढाने का फैसला जारी कर दिया जाता है.पिछले दो दशकों से यही हो रहा है.अन्नी ने नियामक आयोग के समक्ष निवेदन किया कि बिजली दरें न बढाकर जमशेदपुर के लोगों को राहत दी जाए..साथ ही आयोग को बताया कि जनसुनवाई के संबंध में प्रचार न होने से और गोलमुरी क्लब जैसी जगहों पर आयोजित करने की वजह से आम लोग शामिल नहीं हो पाते हैं.इस पर जजों की टीम ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को जागरुक करना चाहिए तब अन्नी ने आयोग को सूचित किया कि उन्हें और ज्यादातर पत्रकारों को ई मेल के माध्यम से सूचना नहीं मिली. अन्नी ने सवाल उठाया कि यह कैसी जनसुनवाई है, जहां ‘जन’ ही नहीं हैं.उन्होंने निवेदन किया कि इस बार परिपाटी टूटे और बिजली की दर न बढे.

जस्टिस अमिताभ गुप्ता के नेतृत्व में त्रिसदस्यीय आयोग की टीम(जस्टिस अमिताभ गुप्ता, जस्टिस अतुल कुमार और जस्टिस महेंद्र प्रसाद) ने जनसुनवाई की.इस दौरान मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा के सोलर प्लांट के सुझाव को जजों ने सराहनीय बताया.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More