Jamshedpur News:जीव परमात्मा का अंश है, उसके अंदर अपार शक्ति रहती है- सर्वज्ञानन्द महाराज

22

भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा गमन एवं रुक्मणी विवाह की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
साकची रामलीला मैदान में भागवत कथा का पांचवा दिन

जमशेदपुर। साकची श्री रामलीला मैदान में चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिन बुधवार को कथावाचक स्वामी सर्वज्ञानन्द जी महाराज ने महारास लीला, उद्धव चरित्र प्रसंग, श्रीकृष्ण मथुरा गमन एवं रूकमणी विवाह की कथा का विस्तार से सुंदर प्रसंग कहा। श्री श्री रामलीला उत्सव समिति द्धारा आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए सर्वज्ञानन्द महाराज ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया।
इस दौरान कथा मंडप में भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह के प्रसंग ने सभी को खूब आनंदित किया। उन्होंने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। स्वामी ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। महाराज श्री ने मथुरा गमन प्रसंग में आगे कहा कि अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया।
कथावाचक ने आगे भगवान कृष्ण और उद्धव के सुंदर प्रसंग का वर्णन किया। कथा वाचक ने कहा एक समय भगवान श्री कृष्ण उदास बैठे थे, तभी उनके मित्र व परम भक्त उद्धव जी उनके पास आए और उनसे पूछा कि हे वासुदेव ऐसी कौन सी बात है, जिससे आप उदास हैं। तब श्री कृष्ण ने कहा कि हमें गोपियों की याद सता रही है। आप गोकुल जाओ और गोपियों को समझाओ कि कृष्ण जल्द गोकुल लौटेंगे। जब उद्धव ने गोपियों से श्रीकृष्ण प्रेम मोह छोड़ने की बात कही तो गोपियों ने कहा कि जिसे प्रेम का ज्ञान नहीं, वह ज्ञानी नहीं हो सकता। गोपियों का श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम देख उद्धव का अभिमान चूर चूर हो गया। कथा में आए श्रद्धालु कथा के प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हो गए। साथ ही श्रोतागण भक्तिरस में झूमने लगे।
भागवत कथा में छठवें दिन गुरूवार को दोपहर 3 बजे से महाराज जी श्री सुदामा चरित्र, श्रीमदभागवत, व्यास पूजन, श्रीशुक्रदेव विदाई एवं होली उत्सव की कथा का विस्तार से प्रसंग सुनायेगें। सातवें दिन शुक्रवार को हवन एवं पूर्णाहुति के साथ कथा का विश्राम होगा। बुधवार को यजमान क्रमशः पुष्पा देवी-कन्हैया लाल अग्रवाल, मंजू-विश्वनाथ महेश्वरी, चमन देवी-किशुन शाह, सिंधू-निरंजन कुमार सिेह थे।
इनकी रही उपस्थितिः- कथा में पांचवें दिन भी प्रमुख रूप से डा. डीपी शुक्ला, रामफल मिश्र, शंकर सिंघल, रामगोपाल चौधरी, मनोज कुमार मिश्र, रामकेवल मिश्र, पवन अग्रहरी, रोहित कुमार मिश्र, अवधेश मिश्र, द्धारिका प्रसाद, गौरीशंकर, बसंत, अनुज, प्रमोद खंडेलवाल, सुरेश पाण्डे, मगन पाण्डे, महेश तिवारी, संजय सिंह, प्रदीप चौधरी सहित बड़ी संख्या में पधारकर प्रभु कथा प्रेमियों द्वारा निष्ठा एवं भाव पूर्वक प्रभु कथा का रसपान किया गया।
========================

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More