Jamshedpur News:बिष्टुपुर में कृष्ण और सुदामा की महिमा का गुणगान के साथ भागवत कथा का विश्राम मनुष्य के जीवन में मित्रता की अहम भूमिका – हिमांशु महाराज

16

जमशेदपुर। बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ गुरूवार को कथा का विश्राम हो गया। उपस्थित सैकड़ों भक्तों द्वारा भागवत कथा के विश्राम पर हवन यज्ञ में पूर्णाहुति दी गई। हवन एवं पुर्णाहुति के बाद लगभग एक हजार से अधिक भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व कथा वाचक हिमांशु महाराज ने धर्म, सत्य और कलयुग की महिमा का वर्णन समेत कृष्ण और सुदामा की मित्रता की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि जहां मित्रता होती है वहां मतलब नहीं होता। आज के मनुष्य को कृष्ण और सुदामा से सीखना चाहिए कि मनुष्य के जीवन में मित्रता की कितनी अहम भूमिका रहती है। कथा वाचक ने आगे कहा कि सुदामा ने भगवान कृष्ण के हिस्से के चने खा लिया। उस कारण सुदामा को दरिद्रता का सामना करना पड़ा। पत्नी के बार-बार कहने पर सुदामा एक पोटली में चावल लेकर द्वारिका की और चल दिये। द्वारिका में कृष्ण और सुदामा की भेंट हुई। कृष्ण ने उस पोटली में से दो मुठ्ठी चावल खाये तो सुदामा को दो लोक दे दिये। सुदामा दो लोकों के राजा हो गये। आज कलयुग में मित्र-मित्र को ही धोखा दे जाते हैं। महाराज ने बताया कि कलयुग में केवल भगवान का नाम ही सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाला है, क्योंकि कलयुग में ऐसे राजा राज्य करेंगे जिनका न कोई धर्म होगा और न ही वे सत्य की राह पर चलेंगे। भगवान ने उद्धव को 24 गुरूओं की कथा सुनाकर और यह कहकर कि आज से तीसरे दिन यह द्वारका समुद्र में डुब जायेगी। भगवान स्वधाम को चले गये। कृष्ण के जाते ही इस पृथ्वी पर कलयुग आ गया। अंत में भगवान का अंतिम श्लोक का दर्शन कराया गया। गुरूवार को यजमान के रूप में पवन गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, मनोहर तुलस्यान एवं ओमप्रकाश जीतू गर्ग मौजूद थे। आज श्याम सुंदर मनोज अग्रवाल, गनपत लाल चोथमल, पियुस चौधरी, लक्षमी नारायण रतन लाल आगीवाल, कृष्णा स्टोर संजय अग्रवाल, राकेश खेतान की तरफ से प्रसाद का आयोजन किया गया था।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More