JAMSHEDPUR-अल्पसंख्यक मैनेजमेंट का शिक्षकों के योगदान कराने का अधिकार खत्म

131
AD POST

निदेशक की अनुमति बाद योगदान दे सकेंगे अल्पसंख्यक शिक्षक
आदेश नहीं मानने वाले विद्यालयों की मान्यता समाप्त होगी
जमशेदपुर। झारखंड राज्य के अल्पसंख्यक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं योगदान पूर्व की भांति मैनेजमेंट नहीं करा सकेगा। योगदान कराने का फैसला अब विभागीय निदेशक करेंगे। यह फैसला 40 साल पुराना है किंतु इसकी अनदेखी हो रही थी। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा और अब विभागीय निदेशक की अनुमति मिलने के बाद ही नियुक्ति के लिए चयनित शिक्षक विद्यालय में योगदान दे सकेंगे। यदि कोई विद्यालय की प्रबंध कारिणी समिति इस आदेश को नहीं मानती है तो उसकी अल्पसंख्यक की मान्यता समाप्त की जा सकती है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक हर्ष मंगला (भारतीय प्रशासनिक सेवा) द्वारा इस आशय का आदेश सोमवार को जारी कर दिया गया है.
इस आदेश की प्रति राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रबंध कार्य समिति के प्रधानाध्यापक एवं सचिवों को भेज दी गई है।
इसमें बिहार अराजकीय माध्यमिक विद्यालय अधिनियम 1981 की धारा 2 (ग) धारा 18 के तहत गैर सरकारी मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालय संचालित हैं और अधिनियम 18 की उपधारा 3 (ख) के प्रावधान के तहत अल्पसंख्यक विद्यालय प्रबंध समिति राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत संख्या पर विहित अहर्ता के नियुक्त शिक्षकों का योगदान विद्यालय सेवा बोर्ड के अनुमोदन उपरांत ही करा सकेगी। झारखंड में राज्य सरकार ने अधिसूचना संख्या-165 दिनांक 16 जनवरी 2008 के तहत प्रधानाध्यापक एवम सहायक शिक्षक के अनुमोदन की शक्ति माध्यमिक शिक्षा निदेशक को सौंपी है। राज्य सरकार के अधिसूचना संख्या 1173 दिनांक 30 अप्रैल 2008 द्वारा अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के विषय में विद्यालय बोर्ड की सारी शक्तियां निदेशक माध्यमिक शिक्षा को प्रत्यायोजित की गई है।
अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षक एवं प्रधान अध्यापकों के वेतन निर्धारण का कार्य भी निदेशक स्तर से ही होगा।
निदेशक हर्ष मंगला के अनुसार इस प्रावधान के होने के बावजूद अल्पसंख्यक विद्यालय के प्रबंध कारिणी समिति शिक्षकों की नियुक्ति कर विद्यालय में योगदान करवा देते हैं। सक्षम प्राधिकार द्वारा अनुमोदन नहीं होने की स्थिति में विद्यालय में शिक्षकों को अवैतनिक कार्य करना पड़ता है। जिससे बाद में उच्च न्यायालय में मामले दायर होते हैं और सरकार को विभाग को अनावश्यक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
माध्यमिक निदेशक की ओर से जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी किया गया है कि अधिसूचना के प्रावधानों को दृढ़ता पूर्वक लागू करवाएं।
कोई शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक बिना अनुमोदन के विद्यालय में योगदान देता है तो उसके वेतन भुगतान की जिम्मेवारी विभाग की नहीं होगी।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

08:39