जमशेदपुर। भुइयाडीह, पटेल नगर, स्लैग रोड़ स्थित प्रीतम मेमोरियल मैदान (डीएभी स्कूल के सामने) में श्री हरि गोविन्द सेवा समिति के तत्वाधान में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को व्यासपीठ पर विराजमान वृन्दावन से पधारे आचार्य हरि जी महाराज ने भागवत का सार समझाया। साथ ही बताया कि जिसका आचरण मंगलमय होता है, उसी का मंगलाचरण होता है। उन्होंने भगवान के 24 अवतारों की कथा, परीक्षित जन्म, कलयुग परीक्षित संवाद आदि सुनाया। कहा कि भागवत कथा अनमोल है कथा श्रवण करना साक्षात श्री कृष्ण के दर्शन करना है। 24 अवतारों की कथा में भगवान राम कृष्ण का अवतार को श्रेष्ठ बताया। आचार्य ने आगे कहा कि प्रेम भगवान का स्वभाव है और भक्त का जीवन है। किसी वस्तु से प्रेम करने के बजाय भगवान कृष्ण से सच्चा प्रेम करो। भगवान भक्तों के अधीन हैं। भक्त वो होता हैं, जो भगवान से कुछ नहीं मांगें और ज्ञानी वो हैं जिसकी दृष्टि व्यापक हो जायें। महिलाओं ने मंगल गीत गाए और पुरुषों ने जयघोष से आस्था व्यक्त की। कथा पर आधारित समेत भगवान शंकर की झांकी भी प्रस्तुत की गयी जिसका मौजूद सभी भक्तों ने भरपूर आनंद उठाया। दूसरे दिन शनिवार को यजमान के रूप में गोविन्द सरोज, श्रीराम सरोज, दिलीप सिंह, डा. एस के तिवारी, नन्द सिंह, हरि ओम सरोज, शांति तिवारी, सविता सिन्हा, हंसा सरोज आदि मौजूद थे।
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