
शहनवाज,नई दिल्ली,20 अगस्त

बदायूं दुष्कर्म कांड की दो महीने तक जांच के बाद सीबीआइ भी उत्तर प्रदेश पुलिस के उस दावे के साथ खड़ी हो रही है जिसमें दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना से इन्कार किया गया था। पीड़ित लड़कियों के कपड़ों और अन्य सामान की हैदराबाद की लैब में हुई फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट के बाद सीबीआइ इस नतीजे पर पहुंची है। फिलहाल इस रिपोर्ट को विश्लेषण के लिए मेडिकल बोर्ड को सौंप दिया है। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि दोनों लड़कियों का कत्ल किसने किया। माना जा रहा है कि मेडिकल बोर्ड की राय मिलने के बाद मामले में अहम खुलासा किया जाएगा।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीड़ित लड़कियों के कपड़ों व अन्य सामान की फॉरेंसिक रिपोर्ट ने दुष्कर्म की आशंका को सिरे से खारिज कर दिया है। जबकि इस मामले में गिरफ्तार पांच आरोपियों को पॉलीग्राफिक टेस्ट के बाद पहले ही क्लीन चिट दिया जा चुका है। ऐसे में सीबीआइ इन आरोपियों की जमानत अर्जी का अदालत में विरोध नहीं करने का मन बना चुकी है। ध्यान देने की बात है कि जून के पहले हफ्ते में ही उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एएल बनर्जी ने लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने की घटना पर आशंका जताई थी। यही नहीं, उन्होंने गिरफ्तार आरोपियों की संलिप्तता पर संदेह जताया था।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बदायूं कांड की तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है। लेकिन असली हत्यारे के बारे में बोलने से वे अब भी परहेज कर रहे हैं। वैसे पॉलीग्राफिक टेस्ट में दोनों लड़कियों के पिता और एक गवाह को झूठ बोलते हुए पकड़ा गया है, लेकिन इसके आधार पर हत्या में उनकी संलिप्तता का निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।