सुदेश कुमार ,सरायकेला(चाण्डिल),17 अगस्त
सरायकेला –खरसांवा जिला के चांडिल अनुमंडल के चौका थाना क्षेत्र के हेंसाकोचा गांव के जारेरडीह टोला में शनिवार की रात लगभग 9से 10 बजे के बीच नक्सलियों के अमानवियता कहर बरपाते हुए जागरण टुडू नामक ग्रामीण की गली रेत कर हत्या कर दी । बताया जाता है कि इस घटना का अंजाम हार्डकोर नक्सली महाराज प्रमाणिक के दस्ता के द्वारा दिया गया है इसे अंजाम को देने महाराज प्रमाणिक अपने 10 से 15 हथियार से लैंस साथियो के साथ मिलकर की ।
इस संबध में मृतक के पत्नी बुधनी ने बताया कि बिती रात 10 से 15 की संख्या में नक्सली हथियार से लैंस हो कर गांव का घेरा और उनके घर पहुँचे और उनके पति जागरण टुडू को जबरन घर से पुराना पंचायत भवन के समीप रस्सी से बांध कर ले जाया गया । पंचायत भवन के समक्ष नक्सलियो ने जागरण टुडु को पुलिस का मुखबीरी करने का आरोप बताकर तेजधार हथियार से सर को धड़ से अलग कर दिया। बीच चौराहे पर धड़ से 20 फीट दुरी पर सर को रख दिया। इस निर्दयता पुर्वक हत्या को देखकर ग्रामीण भयवित के माहौल में है।
घटना की सुचना स्थानिय ग्रामीणो ने पुलिस एंव जिप सदस्य को सुचना दी 15 घंटा बीत जाने के बाबजुद भी पुलिस प्रशासन घटना स्थल पर नही पहुँचने से ग्रमीणों ने पुलिस पर नराजगी है । मृतक जागरण मांझी का अपने पत्नी के अलावे दो बेटा है। जिसमें बड़ा बेटा जमशेदपुर करीम सिटी कॉलेज में भूगोल विषय पढ़ाई कर रहा है एंव दुसरा बेटा चौका स्थित हॉलीक्रास विद्यालय में 8 वी का छात्र है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस घटना स्थल नही पुहॅची थी।
कौन है जागरण टुडू
मृतक जागरण टुडू पालना डैम मत्स्य जीवि सहयोग समिति जाहेरडीह अध्यक्ष व माझी परागान के गांव मांझी पद पर समाजिक कार्य करते थे।गांव में कुछ भी समस्या होने पर ग्रामीम इनके पास ही आते थे.
ग्रामीणो ने पहले किया था विरोध
जागरण टुडू को नक्सलियों से छुडाने के लिए के गांव के महिला पुरूष द्वरा विरोध किया । ग्रामीणो की बिरोध को देख नक्सलीयो ने पुरे गांव के ग्रामीणो को जान से मारने की धमकी दिया। तभी पुरुष लोग नक्सली से डर के मारे पिछे हट गया। महिलाओ द्वारा विरोध करने पर नक्सलियो ने महिलाओ के साथ मारपीट किया जिसमें दर्जनों महिला जख्मी हुयें। उस डर से सभी ग्रामीण अपने घर में दुबक गये है । सुवह सारे ग्रामीणो को सप्ताहिक हाट पर जागरण टुडू का मृत शरीर देख कर हैरान हो गया।
गैरतलब है कि हेंसाकोचा, रांका, मुटादा, टुरु आदि नक्सल प्रभाबित क्षेत्र होने के कारण कोई भी प्रशासन उस क्षेत्र में नहीं पहुँचते है एंव एलआरपी भी ना के बाराबर किया जाता है। इस क्षेत्र में नक्सलियो का कब्जा आज भी है। घटना के घंटो बाद भी पुलिस घटना स्थल तक नही पहुँची थी।
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