
जादूगोड़ा की बेटी आदिति शर्मा बनी प्रेरणा श्रोत
संतोष अग्रवाल.जमशेदपुर,21 मई

कहते है मंज़िले उनको है मिलती , जिनके सपनों मे जान होती है , पंख से कुछ नहीं होता , होंसलों मे उड़ान होती है , कोशीशे अगर की दिल से , अच्छी अंजाम होती है , थककर वो बैठ जाते है , जिनकी कोशीशे नाकाम होती है । जादूगोड़ा यूसिल मे अकाउंट मे कार्यरत घनश्याम शर्मा जो खुद बी कॉम , एलएलबी और एमबीए है उनकी बेटी आदिति शर्मा मेट्रिक की परीक्षा मे 9.2 अंक लाकर दूसरों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गयी है , बचपन से ही एक पैर से विकलांग अदिति शर्मा का जन्म 25-05-1999 को हुआ था उसके बाद से ही वेलोर मे उसका कठिन इलाज़ चला जो आज भी जारी है , लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और इलाज़ के दौरान महीनो होने वाले कठिन दर्द को सहते हुए भी पढ़ाई जारी रखा , उसकी माँ ने बताया की वेलोर मे कई बार इलाज़ और पैर का ओप्रेसन हुआ और हर बार लगभग दो महीने तक वहाँ रहना पड़ता था हमलोग वहाँ किताब कॉपी लेकर जाते थे और वह बेड पर ही अपनी पढ़ाई करती थी , आदिति और उसके परिवार के सामने उस समय कठिन परिस्थिति आ गयी जब स्कूल मे लगातार एबसेंट के कारण उसका नाम 2012 मे काट दिया गया लेकिन परिवार वालो ने हिम्मत नहीं हारी और स्कूल प्रबंधन ने दोबारा दाखिला लिया ।
आदिति बताती है की उसे रोज सुबह चार बजे उठकर योगा करना एवं संगीत मे गहरी दिलचस्पी है और वह आगे जाकर सॉफ्टवेअर इंजीनियर और उसके बाद एमबीए करना चाहती है , उसने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति एकाग्रता को बताया एवं मुख्य रूप से पापा और मम्मी एवं स्कूल के शिक्षक खासकर प्रिसपंल को दिया वह रोजाना छह घंटे पढ़ाई करती थी ।
शशिकांत भट्टामिश्रा पिता डॉ एसके भट्टामिश्रा एमबीबीएस ( आदित्य बिड़ला हिंडाल्को मे कार्यरत ), माँ डॉ कंचन भट्टामिश्रा एमबीबीएस ( यूसिल अस्पताल जादूगोड़ा मे कार्यरत ) ने मेट्रिक की परीक्षा मे 9.4 सीजीपीए लाया है वह आगे जाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है ,उसकी बड़ी बहन सुकन्या भट्टामिश्रा भी टोपर स्टूडेंट रही है और अभी वह वीएसएसएसयूटी ( बुरला ) से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई कर रही है , शशिकांत ने बताया की वह रोजाना 4 घंटे पढ़ाई करता था एवं कड़ी मेहनत और माता पिता और स्कूल के जेना एवं मिश्रा सर को सफलता का कारण बताया ।
अनूप प्रामाणिक ने 10 सीजीपीए मार्क लाया है
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