मजदूर का बेटा बना मजिस्ट्रेट
संतोष अग्रवाल,जमशेदपुर,15 मई
अक्सर आर्थिक परेशानियों का हवाला देकर लोग अपनी उन्नती को बाधा मान बैठते है लेकिन तमाम आर्थिक परेशानियों के बावजूद सूबे के राँची जिला के हेहल निवाशी रामचंद्र भगत ने वह कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी । फिलहाल रामचन्द्र भकत अनुमंडल कार्यालय घाटशिला मे कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत है । पूछे जाने पर रामचन्द्र भकत ने बताया की उनका अब तक का जीवन संघर्षो से भरा रहा है ।
पिता बिरसा भकत मजदूरी कर अपना और परिवार का जीवन यापन करते थे और उन्होने अपनी पढ़ाई सरकारी प्राथमिक विद्यालय हेहल मे किया है और इसके बाद रांची कॉलेज रांची से आगे की पढ़ाई की है , उनकी आर्थिक स्थिति बहूत अच्छी नहीं होने के कारण उन्होने कभी ट्यूशन नहीं पड़ा बल्कि ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की ।
बचपन से ही प्रशासनिक अधिकारी बनने की तमनन्ना दिल मे थी जिसके कारण रात-रात भर जागकर पढ़ाई की क्योंकि दिन मे पिताजी के साथ काम और दूसरे बच्चो को ट्यूसन पढ़ाना पड़ता था , वर्ष 1982 मे उनका सपना पूरा हुआ जब उन्होने बीपीएससी की परीक्षा पास की और इसके बाद 1983 मे पहली बार प्रशासनिक अधिकारी के रूप मे खगड़िया बिहार मे पोस्टिंग हुई ।
और एक कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप मे उन्होने घाटशिला मे योगदान दिया , श्री भगत का पूरा परिवार शेक्षणिक दृष्टि कोण से सम्पन्न है उनकी बड़ी बेटी बेंकिंग क्षेत्र मे है वहीं दूसरी बेटी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है और पुत्र इंजीनियर की पढ़ाई कर रहा है ।
स्वभाव से अत्यंत विनम्र रामचंद्र भगत का कहना है की खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा खुद बंदे से पूछ बैठे की बता तेरी रजा क्या है ।
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