भारतीय रेल प्रबंधन सेवा: कुछ तथ्यात्मक जानकारी

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भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) के लिए भारतीय रेल की आठ मौजूदा सेवाओं का एकीकरण अर्थात कनिष्‍ठ स्केल से एचएजी + तक सभी स्तरों पर किया जाएगा। हालांकि, वैकल्पिक तंत्र द्वारा अंतर से वरिष्ठता के एकीकरण और असाइनमेंट के लिए तौर-तरीके निर्धारित किए जाएंगे। वैकल्पिक तंत्र द्वारा किए जाने से पूर्व इसके लिए, रेल मंत्रालय और डीओपीटी आवश्यक प्रारूप तैयार करेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी को इससे हानि न हो।
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महा-प्रबंधकों के 27 पदों को शीर्ष ग्रेड में अपग्रेड किया गया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पूर्ववर्ती सेवाओं के पात्र अधिकारियों को महा-प्रबंधक का शीर्ष ग्रेड पद मिले। अनुमोदित कैबिनेट नोट में, यह उल्लेख किया गया है कि आईआरएमएस (8 सेवाओं द्वारा गठित) के अधिकारी केवल रेलवे बोर्ड के कार्यात्मक सदस्य और अध्यक्ष/मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी बनने के लिए पात्र होंगे। स्वतंत्र सदस्यों की संख्या सरकार द्वारा तय की जाएगी। वे गैर-कार्यकारी सदस्य होंगे और बोर्ड की बैठकों में भाग लेंगे। वे रेलवे के दैनिक कामकाज में शामिल नहीं होंगे। बाजार और क्षेत्र से प्राप्‍त उनका उत्‍कृष्‍ठ अनुभव, भारतीय रेल की रणनीतिक योजना में मदद करेगा।

एकीकरण को शीघ्र अतिशीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। अधिकारी वर्तमान में जो कार्य कर रहे हैं, वही कार्य करते रहेंगे। पोस्टिंग निर्धारित करते समय विषय ज्ञान को ध्यान में रखा जाएगा। आईआरएमएस की भविष्य में होने वाली भर्तियां संघ लोक सेवा आयोग-यूपीएससी और डीओपीटी के परामर्श से यूपीएससी (सिविल सेवा) के माध्यम से की जाएंगी।

प्रकाश टंडन समिति (1994) सहित समय-समय पर विभिन्न समितियों द्वारा सुझाए गए सुधारों को व्‍यापक स्‍तर पर अपनाया गया है। इस एकीकरण का निर्णय नई दिल्ली में 7 और 8 दिसंबर, 2019 को आयोजित “परिवर्तन संगोष्ठी” के दौरान सभी स्तरों अधिकारियों की भावनाओं और सुझावों को ध्‍यान में रखते हुए लिया गया था। परिवर्तन संगोष्ठी के दौरान जीएम के तहत गठित सभी समूहों द्वारा भी इनके सुझाव दिये गये थे। सुझावों पर सर्वसम्मति से रेलवे बोर्ड द्वारा सहमति व्यक्त की गई।

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