
राष्ट्र गुरु गोबिंद सिंह का ऋणी : रघुवर
जमशेदपुर।गुरु गोबिंद सिंह जी के 354 वें प्रकाश पर्व पर लौहनगरी, वाहो वाहो गोबिंद सिंह जी”शब्द से गुरुवार को गूंज उठी। कोल्हान के सभी 32 गुरुद्वारों में गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश आगमन पर्व बड़े ही श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। सभी गुरुद्वारों में अखंड पाठ का भोग डाला गया शब्द एवं गुरबाणी विचार हुआ तथा गुरु गोबिंद सिंह जी के आगमन पर प्रकाश डाला गया।
वहीं सोनारी गुरुद्वारा साहिब से ग्यारह बजे विशाल नगर कीर्तन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के छत्रछाया एवं पांच प्यारों की अगुवाई तथा सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्वावधान में निकाला गया। यहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक एवं पूर्व मंत्री सरयू राय, भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र सिंह, झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरुदेव सिंह राजा ने मत्था टेका और रुमाला भेंट किया।
सोनारी कमेटी के प्रधान तारा सिंह एवं चेयरमैन बलवीर सिंह बल्ली ने सभी को सिख पंथ की ओर से शॉल भेंट किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राष्ट्र श्री गुरु गोविंद सिंह जी का ऋणी है। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की तथा राष्ट्रवाद के बीज को पल्लवित पुष्पित एवं मजबूती प्रदान की। इस खालसा पंथ ने देश के इतिहास को ही बदल दिया।देश की आजादी एवं निर्माण में सिखों की सराहनीय भूमिका रहती है। सच्चे राष्ट्र वादियों को गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से प्रेरणा मिलती है।
वहां पूर्व मंत्री सरयू राय ने सिखों को बधाई देते हुए कहा कि देश के इतिहास का आज स्वर्णिम दिन है। गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके पूरे परिवार ने देश एवं धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानी दी। उनकी जैसी कुर्बानी ना पहले हुई है और ना भविष्य में शायद होगी। सिख पंथ राष्ट्र की रक्षा में एवं आजादी में प्रमुख भूमिका निभाता रहा है।यहां हरविंदर सिंह मंटू, महेंद्र सिंह भगवान सिंह , दलजीत सिंह दल्ली, अजीत सिंह गंभीर, मनजीत सिंह, नरेंद्र पाल सिंह भाटिया, शैलेंद्र सिंह, कुलविंदर सिंह, दीपक सिंह गिल, सतबीर सिंह सोमू आदि को सिरोपा भेंट किया गया।
सोनारी गुरुद्वारा में अकाली दल के सुखदेव सिंह ने अरदास की और वाहेगुरु से अनुमति लेकर साकची को रवानगी की।
नगर कीर्तन में आगे आगे सिख मार्शल आर्ट गतका पार्टी, नन्हे घुड़सवार, धार्मिक तथा हिंदी मीडियम के हाई एवं मिडिल स्कूल के बच्चे कीर्तन गायन तथा ड्रिल करते हुए चल रहे थे। जागृति मंच की ओर से पालकी साहब के आगे सड़क को झाड़ू बुहारा जा रहा था तथा पुष्प वर्षा की जा रही थी।
गुरु ग्रंथ साहिब जी के पालकी के पीछे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के पदाधिकारी तथा उसके उपरांत स्त्री सत्संग सभा के जत्थे तथा नौजवान कीर्तन मंडली केतन गायन कर रहे थे। स्त्री सत्संग सभा की बीबी सुखदीप कौर कमलजीत कौर दलबीर कौर एवं नरेंद्र कौर काफी सक्रिय नजर आए। वही कंट्रोलर की भूमिका में इंदर सिंह इंदर जगतार सिंह, चंचल सिंह भाटिया चरणजीत सिंह, दीपक सिंह गिल नौजवानों को सक्रिय रखे हुए थे। पालकी साहब की सेवा ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के जिम्मे थी।
सोना री से निकला नगर कीर्तन, सर्किट हाउस, जुस्को मुख्यालय, कीनन स्टेडियम, साकची गोलचक्कर होते हुए साकची गुरुद्वारा साहिब पहुंचा। जहां प्रधान हरविंदर सिंह मंटू अजीत सिंह गंभीर आयोग के उपाध्यक्ष गुरुदेव सिंह राजा व अन्य ने रूमाला भेंट कर पालकी साहब की अगवानी की।
जमशेदपुर पुलिस की ओर से यातायात नियंत्रण में काफी सराहनीय सहयोग दिया गया।
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