पूर्वी सिहभूम पुलिस ने एंटी एक्स्टोर्सन सेल का गठन

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अमीत मिश्रा,जमशेदपुर,06 मई
पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस मे शहर में बढती रंगदारी की घटना को देखते हुए एंटी एक्स्टोर्सन सेल का गठन किया है ।जिले के एसएसपी अमोल होमकर ने अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक शैलेन्द्र वर्णवाल को इसकी जिम्मेदारी सौपी गई हैं।
क्यों किया गया गठन
जिलें मे बढती हुई रंगदारी के मामलो को ध्यान में रखते हुए इस रंगदारी निरोधक शाखा का गठन किया गया हैं। अब पिङीत व्यक्ति को मामला दर्ज कराने के लिए थानो में चक्कर लगाना नही पङेगा।इस सेल के गठन के बाद जो भी पिङीत व्यक्ति सीधे शाखा में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता हैं।
क्या होगा लाभ
इस सेल का गठन हो जाने के बाद पिङीत व्यक्ति को अब थाना के चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगी पहले रंगदारी की शिकायत थाना में दर्ज होने से पिङीत को बार बार थाने के चक्कर लगाना पङता था लेकिन न्याय नही मिल पाता था और इस बात की जानकारी अपराधियो को अमुमन हो जाती थी ।और पिङीतो को हमेशा जान का खतरा बना रहता था।और तो और इसका लाभ दुसरे अपराधी गिरोह के लोग भी उठाते थे।
क्या कहते है जिला के पुलिस पदाधिकारी
जिला के एएसपी (अभियान)शलेन्द्र वर्णवाल ने बताया कि इस शाखा का गठन हो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति जिससे रंगदारी की मांग की जाती है वह शाखा मेंअपना शिकायत दर्ज करा सकता है ।शिकायत दर्ज होने के बाद मामला को गोपनीय रखा जाएगा।बल्कि पिङीत व्यक्ति का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा।जब तक अपराधी पकङे नही जाते है। साथ ही पिङीत व्यक्ति की सुरक्षा जबाब देही इस शाखा की होगी तथा सुरक्षा के लिए जिले की सुरक्षा समीति से अनुशंसा किया जाय़ेगा।श्री वर्णवाल ने बताया कि सादे लिवास मे रंगदारी शाखा में कार्य करनेवाले पुलिस कर्मी जेल गेट में भी तैनात रहेगे वे जेल में आने जानेवालो पर निगाह रखगें।
उन्होने कहा कि इस शाखा मे आए हुए मामलो का भी निपटारा जल्द कर दिया जाएगा।इस टीम में डीएसपी से लेकर एसआई स्तर के अधिकारी शामील है।और यही टीम शहर मे हो रहे साईबर क्राइम पर नजर रखेगे।
कौन कौन है रंगादारी निरोधक शाखा के लिए गठन के प्रमुख पुलिस अधिकारीय
1 .बी एन सिंह,(डी एस पी .लॉ एण्ड आर्डर )
2. अनुज कुमार सिंह ,(पुलिस निरीक्षक)
3.आमील हुसैन (पुलिस निरीक्षक)
इसके अलावे और 10 लोग इस टीम में शामील हैं।
इस शाखा के गठन हो जाने के बाद जहाँ थानो पर रंगदारी से जङे मामलो का बोझ कम होगा वही दुसरी ओर पिङीत व्यक्ति की गोपनियता बरकरार रहने से वह अधिक सुरक्षित और निर्भीक होकर मामला दर्ज करा सकते है।

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