जाजपुर-टाटा स्टील के ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट ने टेरी के साथ सुकिंदा में कार्यशाला श्रृंखला की शुरुआत की
सुकिंदा।
ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट के तहत टाटा स्टील ने ‘द एनर्जी ऐंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी)’ के साथ मिल कर ओडिशा के जाजपुर में अपने सुकिंदा क्रोमाइट माइन (एससीएम) में विद्यार्थियों के लिए कार्यशालाओं की पहली श्रृंखला शुरू की। इस पहल का उद्देश्य टाटा स्टील के संचालन क्षेत्र के स्कूल परिसरों में पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता और समझ बनाना है।
श्री एम सी थॉमस, एक्जीक्यूटिव इंचार्ज, फेरो एलॉयज ऐंड मिनरल्स डिवीजन ने श्री राजेश पटेल, चीफ, माइनिंग, एससीएम, टाटा स्टील, सुश्री श्रुति अग्रवाल, सीनियर मैनेजर, रेगुलेटरी अफेयर्स, टाटा स्टील, टेरी के प्रतिनिधियों और सुकिंदा व उसके आसपास के चिन्हित स्कूलों के शिक्षकों व विद्यार्थियों की मौजूदगी में ’बी इकोमैटिक– इको–फ्रेंडली मैनेजमेंट इंटीट्यूवली’ नामक कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री थॉमस ने अपशिष्ट पेपर रीसाइक्लिंग किट भी लॉन्च किया, जो सभी चिन्हित स्कूलों को दिया जायेगा। कार्यशाला टाटा स्टील के रॉ मैटेरियल लोकेशनों के सभी चिन्हित स्कूलों में 23 सितंबर तक चलेगी।
इस अवसर पर श्री थॉमस ने कहा कि यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण अंतःविषय और समग्र सोच को बेहतर बनाने के लिए कक्षा और बाहरी गतिविधियों के माध्यम से चिन्हित स्कूलों में पर्यावरणीय पर्यवेक्षण को बढ़ावा देगा। इसका समग्र उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को लेकर विद्यार्थियों के बीच जागरूकता पैदा करना है और उन्हें बताना है कि संवहनीय जीवनशैली जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में कैसे मदद कर सकती है!
’बी इकोमैटिक – इको–फ्रेंडली मैनेजमेंट इंटीट्यूवली’ सप्ताह भर चलने वाला विद्यार्थी–केंद्रित कार्यशाला है, जिसका उद्देश्य सामान्य रूप से, पर्यावरण पर विद्यार्थियों के बीच जागरूकता बढ़ाना और विशेष रूप से, संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना है। यह एक अनूठा कार्यक्रम है, जो स्कूलों को कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करके जागरूकता को बढ़ावा देने से कहीं आगे है। ज्ञात हो कि इस साल अप्रैल में ओडिशा और झारखंड में टाटा स्टील के परिचालन स्थलों के स्कूलों में ग्रीन स्कूल प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था।
अपनी स्थापना के बाद से, इस प्रोजेक्ट ने शिक्षकों और इको–क्लबों के साथ काम किया है, ताकि लक्षित समूह अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाह कर सकें और संवहनीय जीवन के प्रति चेतनशील स्वैच्छिक कदम उठा सकें।
कार्यशाला स्कूल समुदाय की जरूरतों के आधार पर मुख्य रूप से चार विषयों – अपशिष्ट, जल, ऊर्जा और जैव विविधता –पर जागरूकता प्रसार और क्षमता–निर्माण पर केंद्रित है। स्कूल के अनुसार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए अप्रैल और मई में आवश्यक आकलन सर्वेक्षण भी किया गया था, जिससे यह स्थान–विशिष्ट बना। विद्यार्थियों को सिखाने के लिए गतिविधि–आधारित शैली अपनायी गयी है। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों के साथ इंटरएक्टिव सत्र, फ़िल्म स्क्रीनिंग, क्विज़ और प्रायोगिक गतिविधि आदि शामिल हैं। इसके अलावा, अपशिष्ट कागजों को रीसाइकिल करने और उपयोगी उत्पाद बनाने के लिए स्कूलों को रिसाइक्लिंग किट्स प्रदान किया गया है। कार्यशाला के दौरान, अपशिष्ट कागजों की रिसाइक्लिंग का लाइव डेमो भी था, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
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