देवघर। वसंत पंचमी के दिन बाबा पर तिलक चढ़ाने के लिये मिथलांचल से पारंपरिक कांवर के साथ पहुँचने लगे तिलकहारूऐ का जत्था बाबाधाम। यह परंपरा वर्षो से चली आ रही है, सोमवार का बाबा मंदिर में गंगा स्नान कर वहां से गंगाजल लेकर आए तिलकहारू पारंपरिक कांवर को लेकर कुछ तिलकहारू पैदल चल कर तो कुछ मोटरसाईकिल सवार बाबा की नगरी पहुँच रहे है।
एक फरवरी को होगा बाबा का तिलक: एक फरवरी को वसंत पंचमी तिथि पर परंपरा के अनुसार षाम में बाबा का पट खुलने के बाद लक्ष्मी नारायण मंदिर के बरामदे पर मंदिर स्टेट की ओर से बाबा भोलेनाथ की तिलक पूजा की जाएगी। इसके उपरांत पूजा में बाबा पर अबीर चढ़ाया जायेगा। इसके उपरांत श्रृंगार पूजा में बाबा पर विषेष कर अबीर चढ़ाया जायेगा। यह परंपरा गत है। वसंत पंचमी से लेकर फाल्गुन मास तक के पूर्णिमा को बाबा की नित्य दिन होने वाली पूजा पर अबीर विषेष रूप से चढ़ाया जायेगा।
तिलक के बाद मिथिलांचल की होगी होली षुरू:
मिथिलावासी के फाल्गुन मास की होली का षुरूआत परंपरागत बाबा नगरी से षुरू होगी, मिथिलावासी जमकर नाचगान के साथ खेलेंगे होली। मिथिलावासी बाबा भोलेनाथ पर ढ़ेर सारे षुद्ध घी चढ़ाऐंगे भोलेबाबा को।
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