जमशेदपुर।
पाकुड़ मे तथाकथित भुख से हुई महिला की मौत के मामले में खाध- आर्पूति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि .प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मृतक के घर मे काफी मात्रा में अनाज था। उसकी मौत भुख से नही बल्कि बीमारी से हुई है। लेकिन फिर भी कुछ राजनिती दल इसे मुद्दा बनाने मे लगे हुए है। वे जमशेदपुर स्थित अपने आवास में ईनाडू इंडिया के संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। श्री राय ने कहा कि कही भी किसी गरीब की मौत हो जा रही है। तो कुछ समुह उसे भुख से मौत बताने लगते है। और वही प्रशासन के दावा होता है कि भुख नही बीमारी से मौत हुई है। पाकुड़ के मामले में उन्होने माना कि उनको राशन नही मिला है। मगर उनके घऱ मे घान रखा हुआ है और मवेशी भी है। सरयू राय ने साफ तौर पर कहा कि महिला की मौत का कारण भुख नही है। उन्होने कहा कि एक पैमाना तय तो होना चाहिए ताकि सही जानकारी लोगो को मिल सके। पाकूड़ की इस मामले को उन्होने काफी गंभीरता से लिया है और विभागीय अधिकारी को निर्देश दिया है कि एक समिति का गठन करे जिसमे विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी अध्यक्ष रहे और वैसे लोगो को प्रतिनीत्व दे । जो भोजन के अधिकार के लिए लड़ रहे संस्था के सदस्यो को प्रतिनिधीत्व कर रहे है। क्योकि इस तरह विवाद होता रहेगा। किसी की भी मौत होना दुर्भाग्य पूर्ण घटना है।लेकिन किसी भी मौंत को भुख से करार देना उचित नही प्रतीत होता है।
मंत्री ने सोशल साईट मे पाकूड़ के मामले का किया जिक्र
वही इस मामले को लेकर मंत्री ने अपने सोशल साईट में भी जिक्र किया है। उन्होने अपने सोशल साईट में लिखा है कि भूख से मौत की ख़बरों पर शासन और समाजिक कार्यकर्ताओं के रूख मे विरोधाभास चिंतनीय है.सरकार और विशेषज्ञ स्वयंसेवी समूह मिलकर पैमाना तय करें कि कोई मौत भूख से है या सामान्य है.भूख से मौत लज्जाजनक है.इसे छुपाने या सनसनीख़ेज़ बनाने या इसका राजनीतिकरण करने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि 24 जनवरी को पाकूड़ के हिरणपूर गांव के धोवाड़गा ने लखी मुर्मू(32) महिला की मौत हो गई थी। जिसे भाजपा छोड़ कई राजनिती दलो ने खाना नही मिलने के कारण मौत बताया था।
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