विजय सिंह ,बी.जे.एन.एन. ब्यूरो ,जमशेदपुर
टाटा स्टील के मजदूरों का ग्रेड रिवीजन नहीं होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.नीति सिध्धान्तों की बात करने वाली टाटा स्टील कंपनी के मजदूर पिछले ३३ महीनो से ग्रेड रिवीजन का इंतजार कर रहे हैं परन्तु टाटा प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी मजदूरों के ग्रेड पर कोई नतीजा नहीं निकाल पाये.यह सरासर मजदूरों के साथ अन्याय और उनके हक़ के साथ खिलवाड़ करने का मामला है.उक्त बातें आज जमशेदपुर के जाने माने कोंग्रेसी नेता और सामाजिक सरोकारों में हमेशा तत्पर रहने वाले झारखंड प्रदेश कांग्रेस के सचिव एस.आर.ए. रिज़वी. छब्बन ने बी.जे.एन.एन. से बात करते हुए कही.श्री छब्बन ने कहा कि मजदूरों के चंदे और सपनों पर राज भोगने वाले टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी इस मामले में अब तक पूरी तरह विफल रहे हैं और अब तक मजदूर भाइयों को उनका हक़ नहीं दिला पाएं हैं.मजदूर हितों की रक्षा का दम्भ भरने वाले राज्य सरकार के मंत्री ,अधिकारी ,श्रमायुक्त ,उपश्रमायुक्त और सम्बंधित विभाग भी मजदूर हितों की अनदेखी ही कर रहे हैं और मूक दर्शक बने हुए हैं.
एक प्रश्न के जवाब में श्री छब्बन ने कहा कि पहले और अब के टाटा स्टील में काफी फर्क है.पहले प्रबंधन मजदूर ,कर्मचारियों के हितों को पहली प्राथमिकता देता था.परन्तु आज मजदूरों के खून पसीने की जी तोड़ मेहनत की बदौलत हज़ारों करोड़ों का मुनाफा कमाने के बावजूद मजदूरों के साथ न्याय नहीं हो रहा है .उन्होंने जोर देकर कहा कि आज यदि रुसी मोदी रहते तो ग्रेड रिवीजन कब का हो चुका होता. श्री मोदी ( टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक ,अब स्वर्गीय ) कर्मचारियों के हित में कोई भी फैसला लेने ने तनिक भी देर नहीं करते थे.उन्होंने रुसी मोदी द्वारा मजदूर और जन हित में किये गए कई त्वरित मामलों का जिक्र किया.
श्री छबबन ने टाटा प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के अधिकारियों से जल्दी से जल्दी ग्रेड रिवीजन करने कि मांग की. छब्बन ने टाटा स्टील को एन.जे.सी. एस से बाहर करवाने के लिए टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पाण्डेय की आलोचना भी की.उन्होंने कहा कि यह गलत फैसला था और मजदूरों के साथ अन्याय था.
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