जमशेदपुर।
लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद ही कनपटी में गोली मारकर आत्महत्या करने वाले एएसआई सह राष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी तरुण कुमार पांडेय (35) की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। मंगलवार को शव का पोस्टमाॅर्टम कराने के बाद पुलिस लाइन लाया गया, यहां तरुण कुमार पांडेय को एसएसपी एम तमिल वाणन समेत अन्य पुलिस अधिकारियाें ने सलामी दी। तरुण के ससुर चंद्रमणि पांडेय, बड़े भाई वीरेंद्र पांडेय समेत अन्य परिजनों ने भी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद तरुण पांडेय का शव परिजन पैतृक गांव बिहारशरीफ जिला नालंदा परवलपुर थाना के हरिपुर गांव ले गए। बुधवार को पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मालूम हो कि गोलमुरी पुलिस लाइन के ऑफिसर्स फ्लैट के फ्लैट नंबर 303 में होम क्वारेंटाइन एएसआई तरुण कुमार पांडेय ने सोमवार शाम करीब चार बजे लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वे गोलमुरी पुलिस लाइन की जीपी शाखा में तैनात थे। सुबह में बिहार से तरुण की मां शकुंतला देवी, ससुर चंद्रमणि पांडेय समेत अन्य परिजन शहर पहुंचे और शव लेकर बिहार रवाना हो गए।
पत्नी ने विवाद से किया इनकार, कहा- कुछ दिनों से शांत रह रहे थे
एएसआई तरुण कुमार पांडेय द्वारा आत्महत्या करने से पत्नी ज्योति कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। ज्योति ने पति से किसी प्रकार के विवाद से इनकार किया है। उसने कहा कि रक्षाबंधन में पटना से आने के बाद पति एकदम शांत रह रहे थे। सोमवार सुबह उन्होंने फोन पर अपनी मां और भाभी से बात की। मां को वे जमशेदपुर आने के लिए बोल रहे थे। दोपहर में दोनों ने साथ खाना खाया, जिसके बाद वे आराम करने चले गए। वे शांत थे, तो कारण पूछा और हॉल से कमरे में जाने की बात कही, जिसके बाद वे बाहर जाने की जिद करने लगे। बैग से पिस्तौल निकाल कर उन्होंने अपनी पॉकेट में रख लिया। पिस्तौल लेकर वे बाहर जाना चाहते थे। पॉकेट में पिस्तौल दिख रहा था, तो उसने छूना चाहा। इसी बीच पास में रखे पर्स को उन्होंने उठाकर फेंक दिया, जिसके बाद वह गेट बंद करने गई। इसी बीच गोली चलने की आवाज आई तो वह भागकर कमरे में गई। बिस्तर पर पति लहूलुहान पड़े थे।
ऑल इंडिया पुलिस का गोल्ड मेडलिस्ट था तरुण पांडेय : कोच
तरुण की आत्महत्या की खबर सुन उनके कोच श्रीनिवास राव भी रांची से शहर पहुंचे। कोच ने बताया कि झारखंड पुलिस में तरुण हैंडबॉल का सबसे बेस्ट खिलाड़ी था। वह ऑल इंडिया पुलिस का गोल्ड मेडलिस्ट था। 2017 में उसे गोल्ड मेडल मिला था। तरुण की मौत से झारखंड के सारे हैंडबॉल खिलाड़ी मर्माहत हैं। तरुण में काफी ताकत थी। खेल में बेहतर प्रदर्शन के कारण उसे प्राेन्नति मिली थी। अच्छा खिलाड़ी हाेने के साथ-साथ तरुण बेहतर इंसान भी थे। तरुण जैसा बहादुर खिलाड़ी आत्महत्या कर लेगा, इसका उन्हें थोड़ा सा भी आभास नहीं था।