
सोनू कुमार भगत

छातापुर (सुपौल )। भीषण गर्मी के बीच रात्रि समय में दो दिनों से हो रही कड़ाके की बिजली कर्कस के क्रम में वर्षा ने जहा ग्रामीण सड़को की हालत को दयनीय बना दिया है । वही लोगो को भी आवागमन में इसको लेकर व्यापक पड़ेसानी बन गयी है । जबकि लगातार हो रही कुछ ही घंटो के क्रम में मूसलाधार वर्षा से कोशी बराज की स्थिति को भी बिगाड़ दिया है । बराज के जलस्तर में वृद्धि के कारण झखड़गड़ ,चुन्नी ,सोहता आदि पंचायतो की नदियों के उफनाने से गांव के लोग पलायन को मजबूर है । बतादे की विगत दो दिनों से नेपाल स्थित कोसी के जल ग्रहण क्षेत्र एवं जिले में हुई मूसलाधार बारिश की वजह से कोसी के जल स्तर में व्यापक वृद्धि हुई है. कोसी के जलस्राव में गुरूवार से ही बढोतरी दर्ज की जा रही है. गुरूवार को कोसी का डिसचार्ज डेढ लाख क्यूसेक पार कर गया था, जबकि शुक्रवार के अपराहन चार बजे भीमनगर स्थित कोसी बराज पर कोसी नदी का जलस्राव 01 लाख 92 हजार 920 क्यूसेक दर्ज किया गया है, जो बढने के क्रम है.
नेपाल व भारतीय प्रभाग में हो रही बारिश की वजह से जल स्तर में और भी वृद्धि की संभावना जतायी जा रही है. कोसी के जल स्तर में बढोतरी की वजह से तटबंध के भीतर बसे सैकड़ों गांवों के लोगों को फिर से एक बार बाढ़ व विस्थापन का भय सताने लगा है.
गौरतलब है कि विगत कुछ दिनों से क्षेत्र में काफी कम बारिश हो रही थी. नेपाल प्रभाग में भी वर्षापात का आंकड़ा न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था. जिसके कारण आम तौर पर भादो माह में रौद्र रूप धारण करने वाली कोसी बिल्कुल शांत दिख रही थी. जलस्तर घट कर 70 हजार क्यूसेक पहुंच गया था। लेकिन विगत दो-तीन दिनों से नेपाल व भारतीय क्षेत्र में हो रही भारी बारिश की वजह से कोसी एक बार फिर से उफान पर है। जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों के रोंगटे खड़े होने लगे हैं.
ज्ञात हो कि जिले के छह प्रखंड स्थित 36 पंचायत में बसा करीब डेढ़ लाख की आबादी हर वर्ष मॉनसून काल में बाढ़ की पीड़ा झेलने को विवश है. जून से अक्टूबर माह तक बाढ़ व विस्थापन का दंश झेलना उनकी नियति बन चुकी है. बीते एक पखवाड़े से कोसी के शांत रहने से लोगों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन कोसी में फिर से एक बार उफान आने की वजह से प्रभावित क्षेत्र में लोगों के कलेजे फिर से एक बार सिहरने लगे.

