

ललन कुमार
शेखपुरा।
बिहार सरकार ने कितना उम्मीद से लोक शिकायत निवारण कानून बनाया ताकि लोगों को अपनी शिकायत लेकर उन्हें आफिसों का चक्कर न लगाना पड़े ।लेकिन सरकार के पदाधिकारी बिहार सरकार के इस कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं ।इसकी जानकारी मिलने के बाद एडीएम जवाहर लाल सिन्हा ने लोक शिकायत निवारण की समीक्षा बैठक में उपस्थित पदाधिकारियो को चेतावनी दे डाली । उन्होने कहा कि लोक शिकायत कानून की अवमाना न होनी चाहिए।इसकी जानकारी देते हुए डीपीआरओ योगेन्द्र लाल ने बताया कि एडीएम ने लोक शिकायत निवारण की समीक्षा के दौरान पाया कि लोक शिकायत के मामले जब निवारण केंद्र में दर्ज कर लिए जाते है तो सुनवाई की तिथि में पदाधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं ।वे अपने बदले विभाग के किसी छोटे कर्मचारी को भेजकर अपना खाना पूर्ति कर लेते हैं जो लोक शिकायत कानून का अवमानना है ।सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सुनवाई के समय विभाग के पदाधिकारी और शिकायती दोनों उपस्थित रहें । लेकिन पदाधिकारी उपस्थित नहीं रहते हैं जिससे मामले का निष्पादन नहीं हो पाता है ।आपको बताते चलें कि आम लोगों की शिकायते लोक निवारण केंद्र में दर्ज होने के बाद 60 दिनों के अंदर हरहाल में निष्पादन कर दिया जाना है ।नहीं किये जाने पर विभाग के पदाधिकारियों पर ही कार्रवाई होगी ।यह केंद्र एक कोर्ट की तरह ही काम करती है ।
Comments are closed.