सरायकेला-खनन विभाग की कार्रवाही सात क्रेशर व्यवसायी पर गिरी गाज

49
AD POST

 

सुदेश कुमार 
सरायकेला।

AD POST

चाण्डिल के  भादुडीह एवं चिलगु पंचायत के दलमा तराई में पत्थर व्यवसायीयों के उपर जिला सरायकेला खरसवाॅ क खनन विभाग के टास्र्ट फोर्स संजय शर्मा के नेतृत्व एवं चाण्डिल अनुमडल पदाधिकारी अर्चना मंहता, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी संदीप भगत संयुक्त अभियान में सालगाडीह चकुलिया के 7 क्रेशर को क्षति ग्रस्त कर सिंल कर दिया गया । सभी क्रेशर के बेल्ट, जाली एवं दिवारों को तोड़ा गया । जिला खनन पदाधिकारी संजय शर्मा ने वताया की दलमा के इको सेंसिटिव जोन क तहत् आता है उन क्रेशरों को हटाने का निर्देश है । क्षतिग्रस्त क्रेशर को सिंल कर दिया गया है साथ ही व्यवसायियों के उपर मामला दर्ज किया जायेगा। दलमा रेंजर आर पी सिह ने वताया की आयुक्त चायवासा के निर्देश पर जोन के अन्र्तगत चाण्डिल निमडीह, पटमदा, जमशेदपुर में चल रहे सभी क्रेशर और व्यवसायी पर कार्रवाही का आर्देश है ।
क्रेशर व्यवसायी ने इस कार्रवाही का किया विरोध
जिला खनन विभाग के द्वारा इस कार्रवाही का विरोध करते हुये गणेश गोराई एवं अन्य ने बताया की खनन विभाग पदाधिकारी द्वारा लिखित पत्राचार आज तक नही किया गया है । विभाग ने पांच माह पूर्व सभी क्रेशर व्यवसायीयो को मौखिक आदेश दिया गया था । पांच माह पूर्व से ही क्रेशर बन्द पड़ा हुआ था । विभाग द्वारा बन्द क्रेशर में छापामारी कर सिल किया गया । इस कार्रवाही में व्यवसायी को बेवजह परेशन करने की साजिश है । बन्द की जनकारी जिला खनन विभाग के कनिय एव वरीय पदाधिकारी को दी गई थी । जिसका प्रमाण जिला खनन पदाधिकारी स्वंय पत्रकारों को दी गई थी । श्री गोराई ने बताय की मजदूर खेती के काम में है जिस कारण क्रेशर हटाने में विलम्ब हुआ । विभाग से अनुरोध है की कार्रवाही न कर हमें तीन दिनों का समय दिया जाय ।

इको ने चिलगु व भादुडीह के क्रेशर मजदूरों पर किया वार

जिला खनन विभाग के कार्रवाही से क्रेशर व्यवसायी घबरा गये है । दलमा के इको जोन क अन्र्तगत आने से यह तय है कि पीछले कई बर्षो से चल रहै छोटे एवं मझले व्यवसायी पर गाज पड़ी है । व्यवसाय बन्द होने से काम कर रहे मजदूर पूर्ण रूप से बेरोजगार हो जायेगे । चिलगु एवं आसपास के लोग कुछ अस्थायी है पर अधिकांश लोग स्वर्णरेखा परियोजना से विस्थापित हैै । जो वर्तमान में चिलगु एवं भादुडीह में दलमा के तराई में बसे है ।
टुन्डु मांझी मजदूर क्रेशर सालगाडी ने वताया की मेरे परिवार के चार सदस्य क्रेशर में काम करते है ।जिसे हमारा परिवार चलता है । भरन पोषण के लिए पर्याप्त खेत नही है ।विभाग ने बेरोजगार बना दिया ।
वही धासीराम मांझी क्रेशर मजदूर ने बताया की मैं पीछले 15 वर्षो से क्रेशर में पत्थर तोड़ कर जीवन यापन करते है ।

 

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More