ललन कुमार


शेखपुरा.।
तेज़ाब हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त रहे राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद बिहार की राजनीति के गणित का जोड़ घटाव लोग चौक चौराहे पर करते नजर आ रहे हैं ।लोग अपने अपने हिसाब से शहाबुद्दीन की रिहाई का मतलब निकाल रहे हैं ।लोंगो ने खुलकर कहना शुरू कर दिया है कि मुस्लिम वोटों की छीना झपटी नीतीश-लालू में चल रही है ।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के मुसलमानों का जो वोट अपनी तरफ मस्लिमो के विकास कर खींच लिया था।लालू जी चाहते हैं कि उनका जो माई समीकरण टूट गया था शहाबुद्दीन की रिहाई के बहाने वो फिर से उनके पास वापस आ जाय ।इसी को लेकर महागठबन्धन की सरकार की मजबूरी दिख रही है कि शहाबुद्दीन पर कार्रवाई करें या न करें ।यदि नीतीश कुमार बिहार सरकार होने के नाते शहाबुद्दीन पर कोई कार्रवाई करते हैं तो मुस्लिम वोटर को रुठ जाने की संभावना है ।इसका सीधा फायदा शाहबुद्दीन के बहाने मुस्लिम का सहानुभूति वोट लालू जी को हो जाएगा ।यदि नीतीश कुमार कोई कार्रवाई शाहबुद्दीन पर नही करते हैं तो पूरे बिहार मे भाजपा कोहराम मचाकर नीतीश कुमार की बनी बनाई छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ेगी । नीतीश कुमार के लिए ऐसा हालात लालू प्रसाद ने शाहबुद्दीन के चलते पैदा किया है। वहीँ भाजपा के जिलामहामंत्री नवल पासवान और लोजपा के जिलाध्यक्ष शेखर पासवान ने कहा कि नीतीश जी को किसी भी सूरत में लालू जी को बिहार के विकास के लिए स्वतंत्र रूप से काम करने नहीं देंगे ।लालू जी को जनता के विकास से क्या लेना देना है ।उनका बेटा मंत्री बनकर कर पैसा कमा रहा है न।लालू जी को केवल वोट से मतलब है । लालू प्रसाद और नीतीश कुमार में मुस्लिम वोटों की छीनाझपटी का खेल चल रहा है ।इसमें बिहार की भोली भाली जनता पीस रही है ।शहाबुद्दीन की रिहाई ने पूरे बिहार में खौफ़ का मंजर ला दिया है ।उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी ने दो टूक शब्दों से सियासी तूफ़ान को रोका और राजद के गुरुर को भी तोड़ा ।फिर भी नीतीश कुमार लालू प्रसाद से सचेत नही हो रहे हैं ।राज्य सरकार को चाहिए कि बिहार की जनता को खुश करने के लिए जंगल राज लाने वाले शाहबुद्दीन पर कड़ी करवाई करे ।एक मामले में ही शहाबुद्दीन को बेल मिली है बाकी के मामले में सरकार सजा दिलवाये ।उन्होंने हैरत जताते हुए कहा कि इतने संगीन जुर्म में भी शहाबुद्दीन को कोर्ट ने कैसे बेल दे दिया ।जरूर पैसे का खेल चला होगा ।