JAMSHEDPUR – सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को लिखा पत्र .जमशेदपुर नगर पालिका या औधोगिक नगरी नही बनने से लोगो नागरिक सुविधा से हो रहे है वंंचित

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जमशेदपुर.

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जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने नगर विकास मंत्री को पत्र लिख कर कहा कि  जमशेदपुर नगर पालिका या औधोगिक नगरी नही बनने से लोगो को नागरिक सुविधाा से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होने अपने पत्र में लिखा है कि कि पूरे राज्य में जमशेदपुर ही एक ऐसा स्थान है, जहाँ अबतक वैधानिक नगरपालिका का गठन नहीं हुआ है। जमशेदपुर में नगर निगम बने कि औद्योगिक नगर बने इसकी जद्दोजहद विगत 30 वर्षों से चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय और झारखंड एवं बिहार उच्च न्यायालयों के फैसले भी इसका समाधान नहीं कर पाए हैं। इसी तरह जमशेदपुर के अतिरिक्त मानगो में नगर निगम और जुगसलाई में नगर परिषद तो बन गये, परन्तु इनका चुनाव नहीं हुआ। इस कारण इन दो नगरपालिकाओं को भारत सरकार से हर वर्ष मिलने वाली बुनियादी अनुदान (Basic Grant) और प्रदर्शन अनुदान (Performance Grant) नहीं मिल रहा है। ये अनुदान विगत 5 वर्षों तक 14वें वित्त आयोग के समय भी नहीं मिला और 2020-2021 से आरंभ हो रहे 15वें वित्त आयोग में भी नहीं मिलेगा। इस कारण जमशेदपुर, मानगो एवं जुगसलाई की जनता को अरबों रुपये के नागरिक सुविधा से वंचित होना पड़ा है।
14वें वित्त आयोग के कार्यकाल (2015-16 से 2019-20) में झारखंड के सभी नगरपालिकाओं के लिए दोनों प्रकार के अनुदानों को मिला के करीब 1426.10 करोड़ मिले हैं। जनसंख्या के आधार पर जमशेदपुर, मानगो एवं जुगसलाई को करीब 160 करोड़ रुपये इस मद में अनुदान के रूप में भारत सरकार से मिलने चाहिए थे, पर नगरपालिका चुनाव नहीं होने के कारण इस इलाके के नागरिक इस सुविधा से वंचित रह गए और उनके साथ 160 करोड़ रूपये की हकमारी हुई। इतना ही नहीं 2015-16 से 2019-20 के बीच तत्कालीन राज्य सरकार 488.45 करोड़ रुपये का अनुदान भारत सरकार से नहीं ले सकी। इस अवधि में दोनों ही प्रकार के अनुदानों को मिला कर झारखंड सरकार को भारत सरकार से करीब दो हजार करोड़ रुपये मिलना चाहिए था, परन्तु मिला केवल 1426.1 करोड़ रुपये। यानी करीब 500 करोड़ रू० नहीं मिले।
अनुरोध है कि आप भारत सरकार से 14 वें वित्त आयोग के इन 500 करोड़ रुपयों की मांग करें तथा जमशेदपुर में एक वैधानिक नगरपालिका का गठन कर मानगो नागर निगम एवं जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव करा कर 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इन क्षेत्रों की जनता को उनका हक दिलाएँ और जो राशि 14वें वित्त आयोग के कार्यकाल में इस क्षेत्र को नहीं मिल सकी है, उसके लिए करीब 160 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का प्रावधान इस बार के बजट में करने की कृपा करें।

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