जमशेदपुर – मद्रासी सम्मेलनी में मना “बसंत ऋतू संगीतोत्सव”

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जमशेदपुर। शहर की सामाजिक व कला संस्था संगीत-ओ-अंकन के तत्वाधान में मद्रासी सम्मेलनी सभागार ,बिष्टुपुर में “बसंत ऋतू संगीतोत्सव” का आयोजन धूम धाम से किया गया I कार्यक्रम का शुभारम्भ अपने हिन्दुस्तानी परंपरा के अनुसार डी०बी०एम्०एस समूह संसथान की अध्यक्षा श्रीमती भानुमती नीलकंठन एवं सम्मानित अतिथि समाजसेवी श्रीमती पूर्वी घोष ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया I दीप प्रज्ज्वलन के दौरान पंकज घोषाल ने अपने मधुर आवाज़ से  स्तोत्रम पाठ किया  ।

 दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात विगत दिनों पुलवामा में शहीद हुए जवानों को भावभीनी श्रधांजलि दी गयी एवं उनके सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया । इस दौरान वाद्ययंत्र से सपन तिवारी ने “ये मेरे वतन के लोगो” को सुनाया एवं अनन्या चंद्रा के द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी गयी ।

 इसके बाद प्रारंभ हुआ संस्था के प्रशिक्षुओं के द्वारा सांस्कृतिक अनुष्ठान का दौर , पहली प्रस्तुति में गुरु शांता बनर्जी एवं स्वरूप सिन्हा के निर्देशन में 8 प्रशिक्षुओं ने “सा-गा-सा –गा ……मा-गा-रे-सा” समूह गायन की प्रस्तुति दी ।

 दूसरी प्रस्तुति में गुरु संदीप बिस्वास के निर्देशन में 9 प्रशिक्षुओं के द्वारा सिंथिसीज़र , स्लाइड गिटार व हारमोनियम  के माध्यम से रबिन्द्र संगीत व नजरुल गीति की प्रस्तुति दी गयी ।

 दुसरी प्रस्तुति में गुरु स्वपन सरकार के निर्देशन में 7 प्रशिक्षुओं के द्वारा वोइलिन व स्पेनिश गिटार के माध्यम से “आनंदों लोक मोंगोल्लोकेय ………..” एवं “चाँद मेरा दिल……” के धुनों को सुनाया गया ।

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 चौथी प्रस्तुति में गुरु स्वरूप सिन्हा के निर्देशन में 4 प्रशिक्षुओं के द्वारा “मिश्रा कालाश्री” में शास्त्रीय गायन पेश किये गए ।

 पंचम प्रस्तुति में पांच भाषाओँ में देश भक्ति गीत व नृत्य कार्यक्रम “ देश तिरंगा लहराया” की प्रस्तुति 13 प्रशिक्षुओं के द्वारा दिया गया , नृत्य की संरचना शिवली दत्ता के द्वारा किया गया ।

 छठी प्रस्तुति में गुरु स्वरूप सिन्हा के निर्देशन में “तबला लहरा” में 3 प्रशिक्षुओं के द्वारा तबले पर तीन ताल की प्रस्तुति दी गयी ।

 सातवी प्रस्तुति में गुरु पंकज घोषाल के निर्देशन में पुराने ज़माने के फ़िल्मी गीत “जीवन के सफ़र में रही ……” , “जीवन से न हार …..” 8 प्रशिक्षुओं के द्वारा पेश किये गए ।

 आठवी प्रस्तुति में गुरु दीपेन डे के निर्देशन में सिंथिसीज़र पर 9 प्रशिक्षुओं के द्वारा “पापा कहते है ….” , “गुलाबी आँखे…………” के धुनों को सुनाया गया ।

 कार्यक्रम के अंतिम  प्रस्तुति में  गुरु संदीप बिस्वास के निर्देशन में 8 प्रशिक्षुओं के द्वारा सिंथिसीज़र पर पुराने ज़माने के फ़िल्मी गीत “जीना यहाँ मरना यहाँ…………” , “या अली मादाद वाली……” के प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ I कूल 9 प्रस्तुतियों में 71 प्रशिक्षुओं ने प्रस्तुति दी । पुरा सभागार श्रोताओं से भरा परा था । कार्यक्रम के दौरान गुनीजनों को सम्मान किया गया एवं संस्था के गुरुओं एवं सक्रीय सदस्यों को भी सम्मानित किया गया ।

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