तीन वर्षों से आशाओं के लंबित 75 लाख बकाया कि हुई समीक्षा
सिमरी बख्तियारपुर(सहरसा) से ब्रजेश भारती की रिपोर्ट :-
अनुमंडलीय अस्पताल मे एनएचएम कार्यक्रम मे शामिल आशा कार्यकर्ताओ के तीन वर्षों से लंबित 75 लाख बकाया राशि की जांच की गई।
क्षेत्रीय अपर निदेशक कोसी प्रमण्डल सहरसा के निर्देश के आलोक मे क्षेत्रीय लेखा प्रबंधक विवेक चतुर्वेदी ने मंगलवार को अनुमंडलीय अस्पताल पहुँच इसकी गहन जांच की। सबसे पहले लेखा प्रबंधक ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक समीक्षात्मक बैठक की। बैठक के क्रम में सबसे चौकाने वाली बात यह सामने आई कि यहां आशा बहाली में जमकर नियम कानून की धज्जिया उड़ाई गई । इसका जिता जागता उदाहरण मिला कि बैठक में उपस्थित करीब 150 आशाओं में करीब 80 वैसे लोगों की बहाली हो गई है जो सही से अपना नाम पता भी नही लिखे सकती है ।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में लेखा प्रबंधक विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के लगभग 75 लाख बकाया भुगतान की राशि के लंबित के कारणों की जांच की गई। जांच के क्रम में पाया गया कि 2015-16 का एचबीएनसी मद मे लगभग पच्चीस लाख की राशि का दावा प्रपत्र मार्च 2016 मे विलंब से जमा किये जाने के कारण भुगतान नही हो सका। वित्तीय वर्ष 2016-17 मे अप्रैल से अगस्त तक 2016 तक का लगभग चार लाख की राशि भुगतान की जा चुकी है एवं सितम्बर 2016 से जनवरी 2017 तक की कुल राशि लगभग 42 लाख की राशि का दावा प्रपत्र विलंब से माह फ़रवरी 2016 मे जमा किया गया।जिसमे से लगभग बीस लाख की राशि के दावा प्रपत्र की राशि का सत्यापन किया जा चुका है।जिसका भुगतान 17 फ़रवरी तक सभी आशाओं के खाता में कर दी जायेगी। बाकी लंबित 22 लाख का भुगतान एक सप्ताह मे सत्यापन कर माह के अंत तक भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होने ने बताया कि भुगतान की जांच करने पर पाया गया की ससमय आशा द्वारा दावा प्रपत्र समर्पित नही किये जाने व दावा प्रपत्र में कमी की वजह से भुगतान में बिलंब होती है। इस सम्बन्ध मे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एन के सिंह द्वारा निर्देश दिया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष के जो भी लंबित भुगतान से सम्बंधित दावा प्रपत्र जमा नही किये है वे अविलंब जमा कर दें।साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि प्रत्येक माह मे आशा द्वारा किये गये कार्यो से सम्बंधित दावा प्रपत्र अगले माह के पांच तारीख तक कार्यालय मे जमा कर दें। अन्यथा भुगतान लंबित रहने की समस्त जवाबदेही आशा की होंगी।
