
रांची।
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी जिला के उप विकास आयुक्तों को निदेष दिया है कि मनरेगा कार्यों, इंदिरा आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होने वाले कार्यों की डाटा इंट्री का कार्य अगले 7 दिनों में पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि पीएमएवाई योजना के तहत जिन योजनाओं की प्रथम एवं द्वितीय किष्त लाभुकों को दी जा चुकी है उन्हें तीसरी किष्त का भुगतान कर अधूरे कार्य को जल्द पूर्ण करवायें। उन्होंने कहा कि आवास साॅफ्ट में डाटा इंट्री हेतु अतिरक्ति आॅपरेटर लगाये जायें। वे आज ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ सभी जिला के डीडीसी एवं प्रोजेक्ट पदाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से निदेष दे रही थीं।
3.24 लाख मनरेगा मजदूरों के खाते आधार सीडिंग से जुड़े
डाटा इंट्री के कार्य में लायें तेजीः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने की ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी डीडीसी को दिये निदेष
डिले पेमेंट के लिये बीपीओ/पीओ होंगे जवाबदेह
मनरेगा की कच्ची स्किम को बंद करें
पीएमएवाई, आईएवाई की शत-प्रतिषत डाटा इंट्री करायें सुनिष्चित
मनरेगा मजूदरों के मृत खातों को करें सक्रिय, आधार सीडिंग करने पर जोर
ससमय तैयार करें मस्टर राॅल, रोजगार सेवकों की जवाबदेही तय करें

श्रीमती वर्मा ने कहा कि इंदिरा आवास योजना एवं पीएमएवाई के तहत निर्माण होने वाले आवासों की प्रखंडवार प्रोफाईल तैयार करें तथा सुनिष्चित करें कि कितने आवास अपूर्ण हैं, कितने पूरे किये गये हैं तथा कितने आवासों के निर्माण के लिये लाभुकों को कितनी किष्तों का भुगतान किया गया है। विदित हो कि अब तक 1.91 लाख लाभुकों को द्वितीय किष्त का भुगतान किया जा चुका है। विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि अब तक 3.39 लाख आवासों को सेंषन किया गया था जिनमें से 1.38 लाख आवास पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि 1.58 लाख आवास अपूर्ण हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि मनरेगा की ऐसी कच्ची स्किम्स ( तालाब, कुंआ, डोभा) आदि हैं उनहें एक सप्ताह के अंदर बंद करें तथा उसका प्रतिवेदन विभाग को प्रेषित करें। विभाग द्वारा बताया गया कि विभिन्न जिलों में 42 हजार 796 योजनाओं में से 13 हजार योजनाओं को बंद किया जा चुका है। विलंब से भुगतान के मामले में उन्होंने निदेष दिया कि प्रखंडवार/पंचायतवार समीक्षा कर उन प्रखंडों और पंचायतों को चिन्ह्ति करें जहां विलंब से भुगतान के मामले लंबित हैं तथा इसकी पूर्ण जवाबदेही ब्लाॅक प्रोजेक्ट आॅफिसर/प्रोजेक्ट आॅफिसर को दी जाये। साथ ही उन्होंने निदेष दिया कि यदि कोई ब्लाॅक प्रोजेक्ट आॅफिसर विलंब से भुगतान के औसत को कम नहीं करता है तो ऐसे ब्लाॅक प्रोजेक्ट आॅफिसर/प्रोजेक्ट आॅफिसर पर कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्री एन एन सिन्हा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।