
रामगढ़ ।

जिले के गोला प्रखंड में टोनागातू स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड कंपनी के निर्माण से विस्थापित हुए लोगों और कंपनी प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के दौरान उग्र हुई भीड़ ने जमकर उपद्रव किया। इसी को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की तो भगदड़ और गोली लगने से दो की मौत हो गई। गोलियां दोनों ओर से चलीं। पुलिस माहौल को शांत करने में जुटी हुई है। क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करते हुए प्रशासन की ओर से ताकीद की जा रही है कि लोग नाजायज मजमा न लगाएं। मामले में 91 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। घटना में 20 जवानों के साथ-साथ दो दर्जन ग्रामीण भी घायल हुए हैं। घायलों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को रांची के मेडिका अस्पताल और रिम्स भी भेजा गया है। इधर, विस्थापितों ने मंगलवार को गोला बंद की घोषणा की है।1सोमवार को पूर्व से ही विस्थापितों और कंपनी प्रतिनिधियों के बीच अंचलाधिकारी शुभ्रा रानी की मौजूदगी में बैठक आयोजित थी। बैठक में डीसीएलआर गोरंग महतो भी मौजूद थे। बैठक के बाद डीसीएलआर लौट गए तब विस्थापितों का नेतृत्व कर रहे नागरिक चेतना मंच को जानकारी मिली कि बैठक उनके बगैर हो गई। मंच के सदस्य कंपनी मुख्यालय पहुंचे थे और वहां बीडीओ ने बताया कि बैठक में रैयत विस्थापित मोर्चा के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। फिर क्या था, नागरिक चेतना मंच के प्रतिनिधि उग्र हो गए। हंगामा करते हुए निकले और सीधे सीधे सेनेगढ़ा नदी स्थित इनटेक वेल पहुंचे। वहां पहुंचते ही उग्र भीड़ ने सबसे पहले कंपनी के जेनरेटर को आग के हवाले कर दिया। इस बीच, डीसीएलआर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को लोगों के उग्र होने की जानकारी दी गई। डीसीएलआर तत्काल कंपनी कंपनी मुख्यालय के लिए रवाना हुए। जैसे ही डीसीएलआर गोरंग महतो कंपनी के गेट पर पहुंचे भीड़ ने उन्हें पटक-पटककर मारा। किसी तरह से जान बचाकर भागने में वो सफल हुए। इसके बाद भीड़ के हत्थे दंडाधिकारी के तौर पर तैनात बीडीओ दिनेश प्रसाद सुरीन चढ़ गए। उन्हें बहुत ही बेदर्दी से लोगों ने पीट दिया।
Comments are closed.