नई दिल्ली: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मोदी ने कहा, पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम सही रास्ते पर हैं, हमारी नीयत साफ और नीति स्पष्ट है। शुरुआत में किसान रेल साप्ताहिक थी, कुछ ही दिनों में ऐसी रेल की मांग बढ़ गई कि अब सप्ताह में तीन दिन ये रेल चलानी पड़ रही है। सोचिए इतने कम समय में 100वीं किसान रेल, ये कोई साधारण बात नहीं है। ये स्पष्ट है संदेश है कि देश का किसान क्या चाहता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हो रहे हैं। किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है। मुझे बहुत संतोष है कि देश के पूर्वोत्तर के किसानों को कृषि उड़ान से लाभ होना शुरू हो गया है। किसान रेल से किसानों को लाभ मिल रहा है और खर्च भी कम हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा, इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत बढ़ सकेगी। किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वह पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकते हैं।
मोदी ने कहा, अनानास, लीची, केला, मछली, बंगाल में इसकी कमी नहीं है। समस्या इन्हें देश के मार्केट में पहुंचाने की है। किसान रेल से बंगाल के लाखों छोटे किसानों को बहुत बड़ा विकल्प मिला है। स्थानीय बाजार के छोटे व्यापारियों को भी विकल्प मिला है। वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के जरिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं।
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