

राजेश तिवारी
पटना । सिवान से राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को पटना उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित तेजाब कांड के एक मामले में बुधवार को जमानत दे दी है।
उच्च न्यायालय ने चर्चित तेजाब कांड में दो सगे भाइयों की हत्या के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन हत्याकांड मामले में शहाबुद्दीन को जमानत दी है। दोनों हत्याओं के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन की 16 जून 2014 को सिवान के डीएवी मोड़ पर ओवरब्रिज के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में मृतक राजीव रौशन के पिता चन्द्रकेश्वर प्रसाद के बयान पर पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन के साथ उनके पुत्र ओसामा के विरुद्ध नगर थाना में प्राथमिकी (कांड संख्या 220/14) दर्ज की गई। इस मामले में जमानत का आवेदन लंबे समय से उच्च न्यायालय में विचाराधीन था। तेजाब कांड में सिवान की विशेष अदालत मो.शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा दे चुकी है और वे अभी भागलपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
तेजाब से नहलाकर की गई थी दो सगे भाइयों की हत्या
गौरतलब हो कि सिवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के गौशाला रोड में निमार्णाधीन मकान के विवाद के निपटारे को लेकर हुई पंचायत के दौरान गृहस्वामी के परिजनों ने आत्मरक्षा में घर में रखे तेजाब का प्रयोग किया था। इस दौरान तेजाब फेंकने से कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप उसी दिन व्यवसाई के दो पुत्रों गिरीश (24) एवं सतीश (18) का अपहरण हो गया।
इन दोनों की बाद में तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी। अपहृतों की मां कलावती देवी के बयान पर दो नामजदों नागेंद्र तिवारी और मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मो.शहाबुद्दीन का नाम इस प्राथमिकी में कई साल बाद तब जुड़ा जब 6 जून 2011 को अचानक गिरीश व सतीश के बड़े भाई राजीव रौशन ने कोर्ट में खुद को चश्मदीद गवाह बताया और विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।
उसने खुलासा किया कि अपहरण दो भाइयों का ही नहीं उसका (राजीव रौशन) भी किया गया था। उसके दोनों भाइयों की हत्या उसकी आंखों के सामने पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में शाम के धुंधलके में तेजाब से नहलाकर की गई थी।
गौरतलब हो कि जब ये घटना हुई तब शहाबुद्दीन सिवान जेल में बंद थे। लेकिन राजीव रौशन ने दावा किया था कि उसके दोनों भाइयों की हत्या उनकी उपस्थिति में ही की गई। चश्मदीद ने यह भी बयान दिया कि वह किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा था और गोरखपुर में लुक छिपकर अपना गुजर-बसर कर रहा था।

