पटना-बिहार में चूहे खाने को मजबूर बाढ़ से घिरे दलित ,DM बोले -कोई समस्या नहीं

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राजेस तिवारी

पटना |

बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाको खासकर कोसी व सीमांचल में हालात काफी खराब है | कोसी के पानी का दश झेल रहे सहरसा जिले के कई गावो में भोजन -पानी का जुगाड़ समस्या बन गई है | सहरसा के सलखुआ प्रखंड स्थित दलित आबादी वाले बनाही गांव के लोग तो चूहा खाकर भूख मिटा रहे है |
इस बाबत पूछने पर डीएम विनोद सिंह गुजियाल ने कहा की गांव में चूहे आसानी से मिल रहे है इसलिए लोग खा रहे है | डीएम के दलित बस्ती में राहत नहीं पहुचने के कारण ऐसा होने से इंकार किया है |
बाढ़ से घिरी एक हजार दलित आबादी 
सहरसा के सलखुआ में दलितों का गांव है बनाही | यहाँ की करीब एक हजार की आबादी बाढ़ से घिरी है | गांव के पौने दो सौ घर चारो तरफ बाढ़ के पानी से घिरे है | कहने को तो प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाको में राहत सामग्री का वितरण कर रहा ,लेकिन यहाँ के लोगो के अनुसार उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है | खाने -पीने का समान लाना भी मुश्किल हो गया है |
यू किया मज़बूरी बया 
बनाही गांव के रामोतार सादा और रामविचार सादा ने बताया की वे लोग कई दिनों से गांव में कैद होकर रह गए है | भोजन के आभाव में चूहा खाने की मज़बूरी है | गांव के प्रभु सादा व अंगूरी सादा के अनुसार वे रोजाना दर्जन भर से अधिक चूहे पकड़ लेते है |
40 से 50 रूपए किलो बिक रहे चूहे 
गांव के बेचन सादा जैसे लोगो ने तो इस मज़बूरी में अपना व्यवसाय ढूढ लिया है | वे चूहा मारकर
बेचते है और जो नहीं बिकता खा लेते है | ये लोग चूहे पकड़कर 40 से 50 रुपए किलो तक के दमा
में बेच रहे है |

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