कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत है, किताबों में नहीं अब हकीकत बनेगा
जमशेदपुर : जम्मू-कश्मीर में गत 70 वर्षों से लागू धारा 35-ए तथा धारा 370 को को हटाकर केन्द्र की मोदी सरकार ने देश के एक हिस्से में जमे ‘कोढ़’ को साफ किया है. उक्त बातें विख्यात सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेल ने कही. उन्होंने कहा कि अबतक यह सुनते या किताबों में पढ़ते आ रहे थे कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं था. जम्मु-कश्मीर में वहां का झंडा अलग था. वहां के विधान अलग थे. लेकिन उक्त कोढ़ को मोदी सरकार ने खत्म कर वर्षों की सच्चाई को अब वास्तविकता का रूप दिया है. दरअसल अब हमारा भारत अखंड बनेगा. वे सोमवार को हर हर महादेव सेवा संघ की ओर से साकची गुरुद्वारा में आयोजित भजन संध्या में भाग लेने शहर आये हुए थे तथा इस दौरान बिष्टुपुर में एक होटल में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
श्री खेर ने कहा कि उक्त ‘कोढऩुमा’ धब्बे को पिछले सोमवार, यानि बाबा भोले के दिन ही हटाया गया. यह तभी संभव हुआ जब देश के सिंहासन में दो ‘जिंदा दिल इंसान’ बैठे हैं. कविता की सुर में उन्होंने इस पूरे प्रकरण को सजाया भी है, जिसके बोल यही है कि 70 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है, जब दुराचारियों का घमंड टूटा है. दरअसल इतने दिनों तक वैसे लोक सत्ता में थे, जो पढ़े तो थे हावर्ड से, लेकिन काम के नाम पर ‘जीरो’ हैं. साथ ही कहा कि कश्मीर तो वह प्रदेश रहा है, जहां लोग सर पर टोकरी रखकर उसमें अशर्फियां लेकर घूमते थे, लेकिन वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि लोगों को रातों-रात अपना घर-परिवार छोडक़र भागना पड़ा. जो ऐसा नहीं कर सके, उनका जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया. अब यह सुनकर काफी अच्छा लग रहा है. संवाददाता सम्मेलन में संघ के संस्थापक अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले भी मौजूद थे.
अपने जन्म दिन पर लांच करते हैं एक ‘बैंड’
कैलाश खेर ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी में प्रतिभा की कमी नहीं है. लेकिन उन्हें सही रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं है. उन्हें सही रास्ता दिखाए जाने की जरूरत है. जिससे वे अपने हूनर का सही उपयोग कर सकें. उन्होंने कहा कि अब वे प्रत्येक वर्ष अपने जन्म दिन पर एक बैंड (कलाकारों) लांच करते हैं. जिससे वे अपने हूनर का विकास कर सकें.
अपने जीवन के बारे उन्होंने कहा कि उन्हें सूफी संतों से सूफी संगीत की ्ओर बढऩे की प्रेरणा मिली. उनका मानना है कि वे अगर गायक नहीं होते तो शायद पेड़ होते और वह भी नीम या पीपल का. क्योंकि यही दोनों पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
‘कैलाशा’ का नया एल्बम शीघ्र
लगभग 25 भाषा में 1200 से अधिक गीत गा चुके कैलाश खेर ने बताया कि उनका ग्रुप ‘कैलाशा’ का नया एल्बम शीघ्र ही रिलीज किया जाएगा. वे अबतक 1300 लाइव कंसर्ट प्रस्तुत कर चुके हैं. बताया कि 14 वर्ष के संगीत के सफर में वे अबतक आधी दुनिया की सैर कर चुके हैं. ज्ञात हो कि इसी बैंड की उपज धनबाद के दो युवक अभिषेक मुखर्जी और रचित अग्रवाल भी ए आई डिवाइन बैंड में हैं, जिन्होंने आज संघ के भजन संध्या में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया.
गायक कम, स्टार बनने की मची है होड़
कैलाश खेर ने कहा कि आज के युवाओं में गायक बनने की जगह स्टार बनने की होड़ है. जिसके चलते वे कहीं के नहीं रहते. इसके लिए उन्हों ‘कौवा चला हंस की चाल, अपनी भी चाल भूल गया’ का उदाहरण दिया. कहा कि संगीत वही सीख सकते हैं, जिसमें धैर्य, अनुशासन और संस्कार हो. रियलिटी शो पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि यह भी ‘बाजारवाद’ का ही एक हिस्सा है. इस बाजारवाद को दर्शक ही कम कर सकते हैं. जबतक हमें मजा आता रहेगा, बाजारवाद हावी रहेगा. इसलिए फूहड़ गानों एवं मजाक बनते जा रहे बाजारवाद से मूंह मोडऩा होगा. तभी यह धीरे-धीरे खत्म होगा.
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