जमशेदपुर – प्रधानमंत्री से मूलाकात की झारखंड के सासंदो ने

102
AD POST

रांची : दिल्ली में एचईसी एवं रेलवे की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सांसद सर्वश्री संजय सेठ, अन्नपूर्णा देवी, सुनील सोरेन और विद्युतवरण महतो मिले। रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एचईसी) जिसकी स्थापना एक केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम के रूप में सन् 1958 में की गई थी। यह प्रतिष्ठान मूलतः इस्पात उद्योग के निर्माण हेतु स्थापित हुआ था जसमें सभी उत्पादन संबंधित सुविधाएं जैसे कि काॅस्टिग, फोजिग, फैब्रिकेशन, मशीनिग, एसेम्बली एवं इरेक्शन व कमीशनिग का कार्य एक ही स्थान रांची के एचईसी में स्थापित किए गए। एचईसी आरंभ से ही देश के औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है एवं आयात के विकल्प हेतु अनेक उत्पादों का निर्माण कर देश की विदेशी मुद्रा भण्डार में बचत की है। एचईसी के उत्पादन ने भारतवर्ष में उद्योगों के विकास ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में एक अलग पहचान बनाई है। इसके अलावा सामरिक महत्व के क्षेत्र में इस उद्योग का योगदान चन्द्रयान, नाभिकीय पन-डुब्बियों के महत्वपूर्ण कल-पुरजे, रक्षा क्षेत्र के जहाजों हेतु प्रोपलर्स साफ्ट्स, गन-बैरल, टी-72 टैंक के कल-पुर्जे, माउंटेन गन, रेलवे के क्षेत्र में क्रंक-शाफ्ट, मशीन टूल्स इत्यादि एवं परियोजना प्रभाग द्वारा स्थापित किए गए है। सामग्री संचालन प्लाट, कोल-वाॅशरी, कोल हैडलिग प्लांटों का निर्माण बखूबी से कर देश के औद्योगिक विकास में अहम भूमिका निभाई है। यह देश में एकमात्र संस्थान है जहां परमाणु एवं नाभिकीय क्षेत्रों के उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में नीति आयोग द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने एचईसी के पुनरूद्धार एवं आधुनिकरण हेतु एक तकनीकी रिपोर्ट भारत सरकार के समक्ष रखा गया है। एचईसी के पास ऐसी विलक्षण क्षमताएं है जिसके द्वारा मुख्य उद्योगों के साथ-साथ सामरिक महत्व के क्षेत्र जैसे खनन, स्टील, रक्षा, परमाणु, उर्जा, रेलवे अंतरिक्ष अनुसंधान इत्यादि के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। जहाँ तक मुझे अवगत कराया गया है कि एचईसी द्वारा परमाणु उर्जा के लिए सम्बन्धित उत्पादकों का निर्माण एवं भविष्य में इसके योगदान की निरंतरता को ध्यान में रखते हुए परमाणु उर्जा विभाग से परमाणु उर्जा विभाग में स्थानंातरित करने के परामर्श पर सकारात्मक दिशा-निर्देश देने की कृपा करें।
सांसद संजय सेठ ने सम्बन्धित मामला उठाते हुए रांची में रेलवे का जोनल कार्यालय बनाने की मांग रखी, उन्होंने कहा की झारखंड से रेलवे को प्रति वर्ष 25 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। वर्तमान में दक्षिण पूर्व रेलवे के जोनल कार्यालय को कोलकाता से स्थानांतरित कर रांची लाया जाय अथवा पूर्व मध्य रेलवे जोन के अन्तर्गत पड़ने वाले धनबाद रेल मण्डल को रांची से जोड़कर रांची में एक नया रेलवे जोन का सृजन किया जाय। रांची में जोनल कार्यालय की स्थापना से झारखंड की जनता को इसकी प्रचुर खनिज सम्पदा का लाभ मिल सकेगा और इस राज्य का तेजी से विकास संभव हो सकता है, साथ ही साथ झारखंड में नए रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर पर तीव्र गति से कार्य प्रारंभ होगा एवं वहाँ पर रोजगार की संभावनाएं पैदा होगी। झारखंड से सटे राज्यों छत्तीसगढ़ और उड़िसा में रेलवे के जोनल आॅफिस खोले गए है। जिससे वहाँ के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन सभी मुद्दों पर गम्भीरता पूर्वक सुना और उन्होंने आश्वस्त किया एचईसी और रेलवे की जो भी समस्याएँ है उसका जल्द से जल्द समाधान किया जायेगा।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More