ललन कुंमार
शेखपुरा.।
जिले के सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस बनाने से जिले के लोंगों को यह उम्मीद जगी थी कि अब उन्हें शवों को परीक्षण कराने के लिए सौ किलोमीटर पर स्थित मुंगेर नहीं जाना पड़ेगा ।लेकिन जिले के लोंगों के उम्मीदों पर उस समय पानी फिरता नजर आ रहा है जब दो साल से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी वह नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस चालु न हो सका ।इसे प्रशानिक लापरवाही कहें या प्रशानिक उदासीनता ।जनहित में बने पोस्टमार्टम हाउस चालु नहीं होने से लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है ।आक्रोश इस बजह से देखने को मिल रहा कि जिले में पोस्टमार्टम हाउस रहने के बाद भी शवों के परीक्षण के लिए 100 किमी की दुरी तय कर दूसरे जिले मुंगेर को लोगों को जाना पड़ता है ।हाल ही में वर्षों से बन्द पड़े नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस को चालु कराने के लिए सीपीआई के नेताओं ने सदर अस्पताल परिसर में ही धरना प्रदर्शन किया था ।सरकार के लाखों रूपये खर्च के बाबजूद पोस्टमार्टम हाउस बन्द रहने को लेकर कई बार स्थानीय समाजिक कार्यकर्ताओं ने भी आंदोलन किया था । इधर इस मामले में सीएस मृगेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अगस्त महीने के अंत तक इस बन्द पड़े पोस्टमार्टम हाउस को चालु करा दिया जाएगा दरअसल इस पोस्टमार्टम हाउस को संचालित करने में संसाधन की कमी के साथ साथ मैन पावर की भी कमी है ।शवों को चीर फाड़ करने वाला कर्मचारी भी तो होना चाहिए जो नहीं है ।प्रशिक्षित डॉक्टर भी होना चाहिए जो फिलहाल नहीं है ।उन्होंने ने कहा कि इसके लिए डीएम के अलावे राज्य के स्वास्थ्य सचिव को भी लिखा गया है ।उन्हें भी लगता है कि गरीब लोग जो शव परीक्षण के लिए मुंगेर नहीं जा सकते हैं। उनके शव का परीक्षण शेखपुरा में ही हो जाए ।