
बागबेड़ा जला पुर्ति योजना के विरोध मे सड़क पर उतरे ग्रामीण
जमशेदपुर।

बागबेड़ा के गीद्दी झोपड़ी मे शुरु हुए जलापुर्ति योजना दिन पर दिन विवादो पर घिरता जा रहा है। इस मामले के विरोध मे भारी बारिश के बावजुद माझी-परगना के बैनर तले आदिवासी समाज के लोगो ने मंगलवार को पारंपरिक हथियार के साथ उपायुक्त कार्यलय मे प्रर्दशन किया। प्रर्दशन के उपरांत राज्यपाल के नाम के तीन सुत्री ज्ञापन उपायुक्त को सौपा गया । आदिवासियो के प्रर्दशन को देखते हुए उपायुक्त कार्य़लय मे काफी संख्या मे पुलिस बल की तैनातगी की गई थी।इस दौरान सरकार के विरोध नारे भी लगाये गए।
माझी-परगाना महाल के नेतृत्व मे किये गए इस प्रर्दशन मे जाहेर थान समेत कई आदिवासी संगठनो को समर्थन व्याप्त है। इस प्रर्दशन मे 33 गांवो के प्रतिनिधीयो ने विरोध दर्ज कराया। इन ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि बागबेड़ा जलापुर्ति योजना की शुरुआत की गई है। तीन सुत्री जो ज्ञापन मे कहा गया कि बागबेड़ा जलापुर्ति योजना को सरकार तुरंत बद किया जाए.। जिस दिन इस योजना की शुरुआत की गई थी उस दिन निहत्थे ग्रामीणो पर पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज किया गया था। उसमे जो भी पुलिस कर्मी हो उस पर कार्रवाई किया जाए।सरकार के द्वारा ग्रेटर जमशेदपुर मे करनडीह सहित आक-पास गांव को शामिल करने की योजना को सरकार तत्काल वापस ले।
वह बिना ग्राम सभा के ईजाजत के शुरु की गई है।जहां कार्य़ चल रहा है वहां पर जाहेर थान भी है। जिससे से हमारी सास्कृतिक को चोट पहुंच सकती है। इसलिए इस कार्य को तुरंत बंद किया जाए ताकि यहां पर पूर्व की भांति यहां मैदान रहे ।प्रर्दशन करने आए एक ग्रामीण कान्हु मुर्मु ने बताया कि गांव को शहर बनाकर हमे विस्थापित करने की साजिस चल रही है। पहले तो हमे पंचाय़त स्तर जो सरकारी सुविधा ग्रामीणो को मिलती थी वह मिले , हमे शहर के चकाचौध नही चाहिए।वही मांझी बाबा भगलु सोरेन ने कहा कि हमारे गांव को सरकार के द्वारा शहर बनाने की योजना जो सरकार कर रही है। उसेकिसी हालत मे नही होने दिया जाएगा।इसस सुविधा का हमलोग पुर्ण जोर विरोध करेगे।
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