
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में बहुमत परीक्षण पर दिए अपने अभिभाषण की शुरुआत ही पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की तारीफ से की। चंपई सोरेन ने कहा कि कोरोना काल में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार ने काफी अच्छा काम किया। हेमंत बाबू की सरकार ने स्वाथ्य के क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया। झारखंड में पिछली डबल ईंजन की सरकार में अस्पतालों में वेंटिलेटर तक नहीं थी। हेमंत बाबू की सरकार ने कोरोना काल में राज्य के किसी निवासी को ना तो भूख से मरने दिया। कोरोना में जिस तरह से लॉकडाउन हुआ, उस वजह से मजदूरों के सामने काफी संकट पैदा हुआ, जो मजदूर जहां था, वहीं रह गए। हेमंत बाबू की सरकार ने किसी भी प्रवासी मजदूर को दिक्कत नहीं होने दिया। जो मजदूर चप्पल और लूंगी पहनते थे उन्हें हवाई जहाज से घर लाने का काम किया। हेमंत बाबू के नेतृत्व में करीब चार साल सरकार चली। डेढ़ सौ साल से झारखंड की खनिज संपदा का खनन हो रहा है। लेकिन यहां के किसी आदिवासी समाज के किसी नागरिक ने एक भी खनिज संपदा को नहीं छूआ है। बल्कि यहां का खनिज संपदा गुजरात और मुंबई जाता रहा है। जिस इलाके में खनन हुआ, वह इलाका ड्राई हो गया। हेमंत सरकार ने आदिवासी और मूलवासियों की समस्याओं को देर करने की कोशिश करती रही।सीएम चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा में कहा कि हमारी सरकार हेमंत सोरेन सरकार आ पार्ट 2 है। आपकी समस्या आपके द्वार योजना के तहत एक-एक परिवार तक योजना पहुंचाने का काम हुआ। गुरूजी क्रेडिट कार्ड से 15 लाख रुपये तक देना शुरू किया। यहां के आदिवासी बच्चों को विदेश पढ़ने के भेजना शुरू किया। आज हम झारखंड का इतिहास याद करते हैं तो पता चलता है कि जब-जब आदिवासी नेतृत्व आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं तब-तब उन्हें हर तरह के शिकंजे में कस दिया जाता है। आप झारखंड के किसी भी गांव में जाइए आपको हेमंत बाबू की सरकार की योजना देखेंगे। इसे ही विपक्षी पार्टियां मिटाना चाहती है।


