
रवि कुमार झा
जमशेदपुर।
जिले मे रह रहे स्वतंत्रता सेनानी 24 साल से अपने आवास के भुखंड के लिए संघर्ष कर रहे है ।अन्य राज्यों मे तो अमुमन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को आवासीय भूखंड मिल चुका है। लेकिन जिले के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी एक भूखंड के लिए आज भी अदोलन रत्न है। हालाँकि इस दौरान दो दो जगह जमीन दिखाया गया ।लेकिन शहर से काफी दूर होने के कारण स्वतंत्रता सेनानियों ने उस जमीन लेने से इनकार कर दिया। अंत यहाँ के तत्कालीन उपायूक्त डा अमिताभ कौशल ने स्वतंत्रता सेनानियों को सोसायटी बनाकर आदेश दिया । लेकिन के सोसायटी के नियम के मुताबिक उतने स्वतंत्रता सेनानी नही बचे है।
1993 मे शुरु हुआ अंदोलन

जमशेदपुर और इसके आस पास रहने वाले स्वतंत्राता सेनानी अपने आवास के लिए 1993 से अंदोलन की शुरुआत की। उस वक्त के तत्कालिन जिला अधिकारी गोरेलाल यादव ने उनकी मांगो पर विचार करते हुए परसुडीह के पास खासमहल की जमीन इन लोगो को मुहैया कराया। लेकिन शहर से दुर रहने के कारण उन लोगो ने जमीन लेने से इनकार कर दिया। उसके बाद गोरेलाल यादव ने शहर मे जमीन देने के लिए जगह की शुरुआत कर दी। इसी बीच उनका स्थातरंण जमशेदपुर से हो गया । उसके बाद यह मामला ठंढा बस्ता मे चला गया। उसके कुछ दिन के बाद जमशेदपुर के जिलाधिकारी बने संजय कुमार ने भी उनलोगो को जमीन दिलाने के लिए पहल शुरु की। उनलोगो को कहा गया कि आप लोगो सोसायटी बनाये तब आपको जमीन मिलेगा।संजय कुमार के पहल पर उनलोगो ने सोसायटी बनाया।जिसका नाम स्वतंत्रता सेनानी- गृह निर्माण स्वंलबी सहकारी समिती रखा गया। उसके बाद तत्कालिन उपायुक्त संजय कुमार मे घाटशिला रोड मे छोटाबांकी के पार दो एक़ड़ जमीन उपलब्ध कराया। जमीन तो मिलने के बाद इनलोगो को इतनी परेशानी हुई कि उनलोगो ने उस जमीन को लेने से ईनकार कर दिया।
गणतत्र दिवस मे सम्मान लेने से इनकार किया
वर्ष 2002 मे आवास के लिए भुमीं नही मिलने से नाराज होकर सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। उस वक्त की तत्कालिन उपायुक्त निधी खड़े ने इन लोगो को अश्वासन दिया था कि जल्द इन लोगो को जमीन आवंटन कर दिय़ा जाएगा। जिले के उपायुक्त आते रहे स्वतंत्रता सेनानी संगठन के लोग प्रत्येक उपायुक्त से मिलकर अपनी बातो को रखते गए। लेकिन नतीजा कुछ नही निकला। उसके बाद जिला के उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल से सभी स्वतंत्रता सेनानी मिले। तो उपायुक्त ने उन्हे कहा कि आप लोग सोसायटी बना ले . इन लोगो ने उपायुक्त को कहा कि उनके पास सोसायटी है पहले से। इस पर उपायुक्त ने कहा कि आप पुन बना ले सोसायटी । उपायुक्त की बातो पर जब हमलोग सोसायटी के लिए कार्यलय पहुंचे तो हमे कहा गया कि सोसायटी के लिए 50 व्यक्ति की जरुरत है।
क्या कहते है स्वतंत्रता सेनानी संगठन के लोग
अखिल भारतीय स्वतत्रंता सेनानी के प्रदेश सचिव जग्गनाथ महंती ने कहा कि राज्य के गठन से पूर्व से ही आवास के लिए भुमी आंवंटन के लिए अंदोलन कर रहे है। राज्य का गठन हुआ हमे लगा कि हमारा सपना सच होगा लेकिन राज्य के गठन के 16 होने को है लेकिन स्वतंत्रता सेनानियो को अश्वासन के अलावा कुछ नही मिला। जब हमलोगो ने अंदोलन शुरु किया था उस वक्त हमारे 50 लोग स्वतत्रता सेनानी थे। धीरे घीरे सभी को निधन होने लगा। और मात्र 2 स्वतत्रता सेनानी और 13 उनके महिला आश्रित ही जीवित है और हमलोगो ने भी समझ लिया कि झारखंड मे सरकार की ओर से कुछ नही मिलने वाला है।
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